बस्ती। ट्रांसजेन्डर समाज के उत्थान, उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये जिलाधिकारी रविश कुमार ने किन्नर समाज और इंदिरा चेरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारियों से वार्ता किया।
बैठक के बाद तीन गुरू घरानों और समूहों में विभाजित कुछ किन्नरों का गुस्सा फूट पडा। उनका कहना है कि इंदिरा चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा केवल काजल किन्नर को महत्व दिया जाता है। वही राज्यपाल से मिलती है, शेष लोगों को वह महत्व और मौका नहीं मिलता। किन्नर समाज की गुरू शानिया मोहम्मद शमीखान ने कहा कि किन्नर समाज के विकास के लिये सरकार जो कदम उठा रही है वह सराहनीय है किन्तु सभी किन्नरांे को इसकी जानकारी होनी चाहिये। किन्नर कशिश, सुमन किन्नर आदि का कहना है कि जो भी योजनायें ट्रांसजेन्डर समाज के उत्थान के लिये लागू की जाती हैं उसका लाभ सबको मिले। उनको भीड के रूप में इस्तेमाल न किया जाय।
इंदिरा चेरिटेबल सोसायटी के सीईओ अजय कुमार पाण्डेय का इस सम्बन्ध में कहना है कि ट्रस्ट लगातार ट्रांसजेन्डर समाज के उत्थान, के लिये प्रयासरत है। जनपद में गरिमा गृह की स्थापना को राज्यपाल ने गंभीरता से लिया है। बस्ती के जिलाधिकारी भी गंभीर है। उम्मीद है कि किन्नर समाज को बेहतर शिक्षा, रोजगार और उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने में ट्रस्ट सफल होगा। किन्नरो के आरोपों के बारे में अजय पाण्डेय ने बताया कि अभी किन्नर समाज तीन गुरू परम्परा में बंधे हैं और इनका क्षेत्र को लेकर आपस में विवाद चलता रहता है। जैसे-जैसे जागरूकता आयेगी समस्यायें हल होती जायेंगी। ट्रस्ट इस दिशा में लगातार प्रयत्नशील है।
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