बस्ती। बारहवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्टॉकहोम शैक्षणिक अकादमी में छात्रों एवं प्रकाशकों ने योग किया। योग पाठ्यक्रम के प्रशिक्षक विद्यालय के शारीरिक विभाग के शिक्षक सन्तोष सिंह एवं शिष्य नरेंद्र सिंह रहे सानिध्य में सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं अन्य नागरिकों ने योगाभ्यास किया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक निदेशक विनय शुक्ला एवं प्रबंधक धीरेंद्र शुक्ला ने भी योग किया।
विद्यालय के प्रबंध निदेशक विनय शुक्ला ने कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं है, बल्कि यह जीवन की एक कला है। यह हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाता है। एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मन निवास करता है, और एक स्वस्थ मन ही हमें जीवन का साक्षात्कार देता है और सफलता प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
स्कूल के डॉ. नरेंद्र सिंह ने योग के महत्व को बताया और अपनी पुस्तक में भारतीय संस्कृति का अंग बताया और कहा कि यह केवल शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बच्चों एवं देश के सभी नागरिकों को नियमित रूप से योग करने के लिए प्रेरित किया।
विद्यालय की शिष्या श्रीमती शशि प्रभा ने योग के महत्व को बताया और अपनी शिक्षा में बताया कि कैसे योग प्राचीन भारतीय परंपरा का हिस्सा बन गया है और आज पूरी दुनिया इसे अपना रही है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे योग को केवल एक दिन के कार्यक्रम का हिस्सा न बनाएं, बल्कि इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि नियमित योगाभ्यास से एकाग्रता बढ़ती है, तनाव कम होता है और हम अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं। ये गुण न केवल आपको पढ़ाई में मदद करेंगे, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में आपको आगे बढ़ाएंगे।
इस अवसर पर योगाभ्यास सिंह द्वारा अनुलोम अभ्यास प्राणायाम, शीतली प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, कपालभाति के साथ कई प्रकार के आसन जैसे पद्मासन, वज्रासन, सिद्धासन, मत्स्यासन, गोमुखासन, उष्ट्रासन, हलासन, सर्वांगासन, पवनमुक्तासन, लॉकासन, शवासन, धनुरासन, भुजंगासन, पान, वृक्षासन, अर्धचक्रासन, पादहस्तासन आदि शामिल हैं।
विद्यालय के छात्र/छात्र एवं शिक्षक/अध्यापिका ने प्रशिक्षण के दौरान पूर्ण एकाग्रता के साथ योगाभ्यास किया। कई बच्चों ने बताया कि उन्हें योग करके बहुत ताजगी और ऊर्जा महसूस हुई।
इस अवसर पर प्रबंधक धीरेंद्र शुक्ला ने सभी को योग का महत्व बताया और इसे दिन- प्रतिदिन के जीवन में आदत की सलाह दी। संकल्प एवं शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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