बस्ती। प्लास्टिक आज प्रत्येक इन्सान की रोजमर्रा की जिंदगी के लिए आवश्यक वस्तुओं में एक हो गया है, घरों के साथ-साथ मेडिकल क्षेत्रों के लोग प्लास्टिक पर निर्भर हो चुके है, अंधाधुंध प्लास्टिक का प्रयोग निरन्तर पर्यावरण के लिए खतरा बनता जा रह है, सरकार ने भी इसके लिय कानून बना रखा है लेकिन अच्छे से कानूनों का पालन न होना इसे बढ़ावा दे रहा है, अब सभी की जागरूकता एवम सोच ही सिंगल यूज प्लास्टिक प्रयोग से बचा सकता है,, लोगो को इसके दुष्परिणाम को जानना होगा।
विद्यालयों में समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है, बच्चो को विषम परिस्थितियों में कैसे रक्षा किया जाय, इसके प्रति जागरूक एवम् प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिसके क्रम में आज राजकीय उच्चतर मध्यमिक विद्यालय (हाई स्कूल), कलवारी पर सिंगल यूज प्लास्टिक प्रयोग न करने पर विषेश कार्यशाला का आयोजन किया गया। सफाई कर्मचारी सूरज चक्रवर्ती ने सिंगल यूज प्लास्टिक प्रयोग न करने के लिए बच्चों को जागरूक किया, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के पांच आर मॉडल के बारे में बताया, कहा हमे विशेष काम तीन आर (रिड्यूस, रीयूज़, और रीसाइकिल) पर मुक्त रूप से काम करना होगा। जिससे हमारे घरों एवम आस पास प्लास्टिक कम किया जा सकता है। बच्चो से अपने घरों का प्रयोग किया हुआ सिंगल यूज प्लास्टिक एवम् पालीथीन अपने गांव के आरआरसी सेंटर पर जमा करने का सुझाव दिया। जिससे आसानी से रीसाइकिल के लिए उचित जगह पर भेजा जा सके और लैंडफिल से प्लास्टिक हटाकर पर्यावरण को स्वच्छ और अनुकूल करने का प्रयास करें। लोग अक्सर हमारे जल श्रोतों में पालीथीन एवम् प्लास्टिक फेंक देते है जिससे दिन प्रतिदिन पानी दूषित होता जा रहा है, और हम वही पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं, सिंगल यूज प्लास्टिक के रीयूज के क्रम में सूरज ने बच्चो को पालीथीन एवम् प्लास्टिक की बोतलों से कुछ घर एवम् आफिस को सजाने के लिए गुलदस्ते, फोटो फ्रेम, ओर पौधे भी बनाना सिखाया। विद्यालय के प्रधानाचार्य संतोष कुमार गौंड ने कहा पालीथीन के अत्यधिक प्रयोग से हमारे खेत के मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर प्रभाव पड़ रहा है, इस मौके पर प्रधानाचार्य संतोष कुमार गौंड, एवम् समस्त शिक्षकगण व कार्यालय स्टाप उपस्थित रहे।
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