बस्ती। ट्रांसजेण्डरों को भोजन चिकित्सा सुविधा, परामर्श और आश्रय प्रदान करने के उद्देश्य से गरिमा गृह स्थापित किये जाने की मांग को राज्यपाल आनन्दीबेन ने गंभीरता से लिया है। ट्रांसजेण्डरों के लिए काम कर रही इंदिरा चेरिटेबल सोसाइटी के सीईओ अजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि राज्यपाल आनन्दीबेन से वार्ता के बाद उन्होने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होने राजभवन में किन्नरों के सामाजिक उत्थान और आत्मनिर्भरता के लिये केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा और वित्तीय समावेशन से संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा के साथ जानकारी हासिल किया। बस्ती से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी के अजय पाण्डेय राजभवन से जुड़े रहे और राज्यपाल ने सीधा संवाद स्थापित किया। राज्यपाल ने जिलाधिकारी को ट्रांसजेंडरों के कल्याण के लिए काम कर रही संस्था को हरसंभव प्रयास मदद के लिए निर्देशित किया।
राज्यपाल आनन्दी बेन ने कहा कि जब ट्रांसजेंडर समुदाय को रोजगार प्राप्त होगा, तो उनके परिवारजन भी उनका सम्मान करने लगेंगे। राज्यपाल ने इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी के कार्यों की सराहना करते हुये राजभवन की ओर से किन्नरों की पाठशाला को शिक्षण-सुविधाओं से सुसज्जित करने हेतु एक 02.10 लाख रुपया का स्मार्ट बोर्ड प्रदान किया करने की घोषणा किया। कहा कि शिक्षा आत्मनिर्भरता की पहली सीढ़ी है और ट्रांसजेंडर समुदाय को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। स्मार्ट बोर्ड के माध्यम से न केवल शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि डिजिटल माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने में उन्हें नई दिशा भी मिलेगी। बैठक में बस्ती जनपद के जिलाधिकारी द्वारा जिले में ट्रांसजेण्डर समुदाय के लिए चल रही योजनाओं एवं नवाचारों की जानकारी दी गई।
इंदिरा चेरिटेबल सोसाइटी के सीईओ अजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि राज्यपाल आनन्दीबेन ने बस्ती के साथ ही समूचे प्रदेश में ट्रांसजेण्डरों के लिये चलायी जाने वाली योजनाओं की समीक्षा किया। श्री पाण्डेय ने बताया कि अब उम्मीद बढ गयी है कि बस्ती में अति शीघ्र गरिमा गृह संचालन के साथ ही ट्रांसजेण्डरों के कल्याण के लिये योजनायें जमीनी धरातल पर उतरेंगी।
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