बस्ती। शहर के मुख्य मार्गों की हालत बदतर होती जा रही है,लेकिन नेताओं को जनता की तकलीफों से कोई सरोकार नहीं। खुद तो एसी फॉर्च्यूनर और लक्ज़री गाड़ियों में चलते हैं, पर जनता रोज़ गड्ढों और जलजमाव से जूझ रही है।
सबसे गंभीर स्थिति बड़े वन ओवर ब्रिज के नीचे, यातायात प्रभारी कार्यालय के सामने वाली सड़क की है। यहां जलभराव और सड़क की जर्जर हालत ने राहगीरों का जीना मुश्किल कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर बारिश के बाद यह क्षेत्र झील में तब्दील हो जाता है, लेकिन प्रशासन और नेताओं की आंखें बंद हैं। हैरानी की बात यह है कि इस सड़क से जिले के सभी बड़े नेता चाहे वो सत्तापक्ष के हों या विपक्ष के रोज गुजरते हैं, लेकिन किसी ने अब तक इस गंभीर समस्या की सुध नहीं ली। और तो और, सड़क से महज़ 50 मीटर की दूरी पर ही एक वर्तमान एमएलसी का घर स्थित है। लेकिन बावजूद इसके हालात जस के तस हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या नेताओं की यह लापरवाही भरी राजनीति जनता की बुनियादी ज़रूरतों को हमेशा ऐसे ही नजरअंदाज़ करती रहेगी? क्या जनता की आवाज़ सिर्फ वोट तक ही सीमित रहेगी, या फिर कभी विकास की रोशनी भी इस अंधेरे में चमकेगी?
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