गोरखपुर। सरस्वती शिशु मंदिर रेल विहार, राप्ती नगर गोरखपुर में सरस्वती संस्कार केंद्रों का आवर्ती अभ्यास वर्ग प्रारंभ हुआ। अभ्यास वर्ग में प्रथम वैचारिक सत्र को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय सेवा प्रमुख रामस्वरूप ने संस्कार केंद्रों के लक्ष्य एवं उद्देश्य पर सविस्तार प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसे तमाम विद्यालय चलते हैं जो केवल शिक्षण कार्य करते हैं उनका सेवा से सरोकार नहीं होता परंतु विद्याभारती के विद्यालय शिक्षा के साथ समाज में सेवा का भी कार्य अपने संस्कार केंद्रों के माध्यम से कर रहे हैं। अच्छी शिक्षा अच्छा स्वास्थ्य तथा अच्छा संस्कार प्राप्त करने का अधिकार सभी को है। विद्या भारती ने इस विषय को ठीक प्रकार से समझा तथा विद्या भारती की स्थापना के 35 वर्षों बाद परम पूज्य डॉक्टर हेडगेवार जी की जन्म शती के वर्ष में एकल विद्यालय एवं संस्कार केंद्र के रूप में सेवा क्षेत्र का कार्य प्रारंभ किया गया।एक विद्यालय एक संस्कार केंद्र का संचालन करेगा इस प्रकार की योजना के साथ यह कार्य समाज के वंचित वर्ग के लिए प्रारंभ किया गया। 36 वर्षों की यात्रा के बाद वर्तमान समय में अब एक विद्यालय कई संस्कार केंद्रों का संचालन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश का एक विद्यालय 40 संस्कार केंद्रों का संचालन करता है तथा गुजरात के जामनगर में एक विद्यालय 65 संस्कार केंद्रों का संचालन करता है। यह सेवा का अनुपम उदाहरण है। इन संस्कार केंद्रों से शिक्षा प्राप्त करके अनेक भैया बहनों का जीवन संवर गया है। समाज का भी सहयोग इस कार्य में अब प्राप्त हो रहा है। मलिन बस्तियों के जो बालक गंदे घूमते थे संस्कार केंद्रों के कारण स्वच्छ होकर पढ़ाई कर रहे हैं तथा समाज में सम्मानित स्थान प्राप्त कर रहे हैं।
इससे पूर्व कार्यक्रम का प्रारंभ मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्पण कर सम्मानित अतिथियों एवं माननीय प्रधानाचार्य जी द्वारा संपन्न हुआ। पधारे हुए अतिथियो का स्वागत एवं सम्मान विद्यालय के माननीय प्रधानाचार्य श्री वी. एस. राठौर एवं विद्यालय के अध्यक्ष एवं प्रबंधक द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का संचालन जयंती प्रमुख आचार्य प्रेम सागर त्रिपाठी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में माननीय प्रदेश निरीक्षक गोरक्ष प्रांत राम सिंह, प्रांतीय सेवा प्रमुख प्रभाकर जी की गरिमामय में उपस्थिति रही। इस अवसर पर गोरक्ष प्रांत के संस्कार केंद्रों का संचालन करने वाले सभी आचार्य आचार्या बंधु भगिनी उपस्थित रहे।
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