- किसानों की आय में होगी वृद्धि
बस्ती। जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिये निरन्तर प्रयास चल रहा है। ड्रैगन फ्रूट की खेती को प्रोत्साहित करने के लिये सरकार भी जनपद स्तर पर जोर लगा रही है। जिसके लिए आनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है और शासन से इसमें सहयोग भी किया जाएगा ताकि किसानों की आमदनी लागत से कई गुना अधिक बढ़ाई जा सके।
ड्रैगन फ्रूट यानी कि हिलोकेरस केबटेसिया फल परिवार से संबंधित है। इसे होलोलुलु रानी व पिताया फल के नाम से भी जाना जाता है। यह संतरा, आम, पपीता, केला, सेब आदि की तुलना में अधिक पौष्टिक और फायदेमंद फल है। ड्रैगन फ्रूट बाहर से अनन्नास की भांति दिखाई देता है, लेकिन अंदर से गूदा सफेद और काले छोटे-छोटे बीजों से भरा हुआ नाशपाती व किवी की तरह होता है। इस आकर्षक व रहस्यमयी फल का रंग लाल-गुलाबी होता है। इसकी त्वचा में हरे रंग की पंक्तियां होती हैं और ड्रैगन की तरह दिखाई देती है। इसलिये इसे ड्रैगन फ्रूट नाम से जाना जाता है। ड्रैगन फ्रूट का पौधा एक सीजन में तीन से चार बार फल देता है, प्रत्येक फल का वजन 300 से 800 ग्राम तक होता है। एक पेड़ में 7-8 फल लगते हैं। इस प्रकार इसकी उपज 5 से 6 टन प्रति एकड़ होती है।
वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक भानु प्रताप त्रिपाठी के अनुसार ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिये खेत को अच्छे से जुताई कर लेना चाहिये व खेत कीट पतंगो व खर पतवार से मुक्त होना चाहिये। भूमि में 20-25 टन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद अथवा कम्पोस्ट मिला देना चाहिये। बताया कि पोर्टल पर ड्रैगन फ्रूट की खेती में ऑनलाइन पंजीकरण dbt.uphorticulture पर जाकर किया जा सकता है, या किसी कार्य दिवस में कृषक आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भूमि अभिलेख, एक फोटो व मोबाइल नंबर कार्यालय में लाकर पंजीकरण करा सकते है।
No comments:
Post a Comment