बस्ती। सोमवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय पर बुद्ध पूर्णिमा के दिन महात्माबुद्ध के संदेश पर आधारित संगोष्ठी का आयोजन सपा जिलाध्यक्ष एवं बस्ती सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव के संयोजन में किया गया। महात्मा बुद्ध के चित्र पर माल्यार्पण के बाद सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव ने कहा कि आज जब दुनियां चौतरफा युद्ध का आमना- सामना कर रही है। महात्मा बुद्ध के विचार को जीवन में उतारकर हम शांति, प्रेम, भाईचारा स्थापित कर सकते हैं। सदियों पहले भगवान बुद्ध का पूर्णिमा के दिन इस धरती पर अवतरण हुआ, उन्हें तमाम सुख-सुविधाएं प्राप्त थीं। वह चाहते तो आराम से विलासिता का जीवन व्यतीत कर सकते थे, लेकिन उन्होंने परम वैभव को त्यागकर शांति की खोज की, युवावस्था में उन्होंने अपना घर, परिवार, वंश और राज सुख त्याग दिया। गौतम बुद्ध ने जितने हृदयों की वीणा को बजाया है, उतना किसी और ने नहीं। बुद्ध के वचन है, अप्प दीपो भव, अपना दीया खुद बनना। उनका संदेश युगांे तक हमें प्रेम, करूणा, त्याग का संदेश देते रहेंगे।
बुद्ध पूर्णिमा पर आयोजित कार्यक्रम में विधायक राजेन्द्र चौधरी, कविन्द्र चौधरी अतुल, दयाशंकर मिश्र, आर.डी. निषाद, संजय गौतम, मो. स्वालेह, समीर चौधरी, राम सिंह यादव, मो. सलीम, जावेद पिण्डारी, अरविन्द सोनकर आदि ने अपने सम्बोधन में कहा कि मान्यता है कि बुद्ध पूर्णिमा को भगवान गौतम बुद्ध का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और उनका परिनिर्वाण हुआ था। भगवान बुद्व का यह पर्व भारत में ही नहीं, थाईलैंड, चीन, कम्बोडिया, नेपाल, श्रीलंका, जापान, तिब्बत जैसे विभिन्न देशों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। वक्ताओं ने कहा कि महात्माबुद्ध ने मनुष्य को उनके वास्तविक धर्म से परिचित कराया। उन्होने संदेश दिया कि मेरी रोशनी से मत चलना, क्योंकि थोड़ी देर रोशन हो लोगे, फिर हमारे रास्ते अलग हो जाएंगें। मेरी रोशनी मेरे साथ होगी, तुम्हारा अंधेरा तुम्हारे साथ होगा। अपनी रोशनी स्वयं पैदा करो। सब कुछ क्षणिक है - संसार में क्षणिक पदार्थों की तृष्णा ही दुखों का कारण है, तृष्णा के नाश से ही सारे दुखों का नाश होता है और हृदय में अहंकार व राग द्वेष की निवृत्ति होने पर ही निर्वाण की प्राप्ति होती है। भारत समेत दुनियां भर में महात्माबुद्ध के अनुयायी बढ रहे हैं। उनका संदेश लोगों का जीवन बदल रहा है। वे युगों तक हम सबका मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से नितराम चौधरी, जोखूलाल यादव, अकबर अली, युनूस आलम, मो. सलीम, रमेश कुमार गौतम, समीर, फूलचंद चौधरी, सुशील यादव, अखिलेश यादव, सुरेन्द्र प्रताप चौधरी, भोला पाण्डेय, गौरीशंकर यादव, बलवन्त यादव, अमित गौड़, डा. वीरेन्द्र यादव, अशोक कुमार के साथ ही सपा के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे।
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