<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Wednesday, August 16, 2023

एक तरफ जलभराव, तो दूसरी तरफ 24 गांव के किसानों पर सूखे की मार

बागपत। उत्तर प्रदेश में बादलों ने धरती के साथ जो बेरुखी बरती है उसकी छाया सूखे और अकाल की शक्ल में उभरी है। बागपत की पूर्वी यमुना नहर में पानी न आने से करीब 24 गांव के किसानों की फसले सुखने के कारण खराब होने की कगार पर है। स्थानीय लोगों के अनुसार आम की फसल और धान व अन्य फसले पूरी तरह नुकसान की तरफ जा चुकी हैं, जहां बागपत के दो क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई वहीं पूर्वी यमुना नहर में पानी न पहुंचने से करीब 24 गांव के किसान परेशान हैं।


बागपत के खेकड़ा और चांदीनगर क्षेत्र में यमुना और हिंडन नदी का जल गांव में भरने से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। किसानों की बाढ़ से फसले जहां खराब हुई, वहीं बागपत में किसानों की फसले सुखे से भी खराब हुई हैं। बागपत में मेरठ से गाजियाबाद की तरफ जा रही पूर्वी यमुना नहर की सिंचाई से बागपत के 24 गांव के किसानों की फसले अच्छी उगाई जाती है, लेकिन इस बार पूर्वी यमुना नहर में पानी न पहुंचने से किसान काफी परेशान है।

आम में बाद धान व गन्ना की फसल भी खराब होने की कगार पर

किसानों का कहना है कि आम की फसल बिना पानी के जहां खराब हो गई। वहीं अब धान की फसल, गन्ना व अन्य फसले भी सूखे के कारण खराब होने की कगार पर है। करीब पिछले आठ माह से इस नहर में पानी नहीं पहुंचा। यह नहर फसलों की सिंचाई का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, लेकिन इस बार इसमें पानी नहीं आया।

किसानों ने नहर को दुरुस्त कराने की मांग की

किसानों ने अधिकारियों से नहर को दुरुस्त कराए जाने की मांग की है। किसानों का कहना है कि नहर में पानी छोड़े जाने से नहर की पटरी इतनी कमजोर है कि कई बार टूट चुकी है। जिस कारण किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। फिलहाल किसानों ने नहर की पटरी की मरम्मत कराकर नहर में पानी छोड़े जाने की मांग की है ताकि किसानों की फसलें सूखे की मार से बच सके।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages