लखनऊ। राजधानी में अतिक्रमण खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है,आए दिन दिशा निर्देश तो जारी होते रहते है फिर भी नतीजा शून्य दिखाई दे रहा है।अभी हाल ही में मंडलायुक्त डॉ.रोशन जैकब ने केजीएमयू कुलपति डॉ.विपिन पुरी,जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, सीडीओ रिया केजरीवाल, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के साथ केजीएमयू के विस्तार किए जाने को लेकर बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें संस्थान के विस्तार पर विस्तृत चर्चा के साथ मंडलायुक्त ने ट्रॉमा सेंटर के रोड साइड फैले अतिक्रमण को हटाने के लिए निर्देशित किया था। इसके अलावा डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी निजी एंबुलेंस को संस्थान से अलग पार्क करने के आदेश जारी किए थे। बुधवार को इन सभी आदेशो की जमीनी हकीकत की पड़ताल करने के लिए तरुण मेडिकल रिपोर्टर ने भ्रमण के दौरान देखा कि यह सभी आदेश सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गए है हकीकत कुछ और ही है। जिसमें केजीएमयू के मुख्य द्वार से लगाकर ट्रॉमा सेंटर,शताब्दी तक रेहड़ी कारोबारियों का कारोबार खूब फल फूल रहा है।
जारी आदेशों का जमीनी स्तर पर फेल साबित होता दिखाई दे रहा है। इसमें रेहड़ी कारोबारी इस तरह से बेखौफ होकर दुकानों को सजाए हुए हैं जैसे उन्हें किसी तरह भय न हो , ट्रॉमा सेंटर की दीवार पर प्लास्टिक पन्नी से पूरी तरह दीवार पर काबिज हो गए है। फुटपाथ पर इस कदर अतिक्रमण फैला है कि आने जाने वालों को पैदल निकलना दुभर हो गया है,गेट से लगाकर दूर तक जिसमें फुटपाथ पर कोई भी खाने की सामग्री ले सकते हैं, जिसमें चाय, बिस्किट, नमकीन, पूड़ी कचौड़ी, पान मसाला गुटखा और फलों से लदे हुए ठेले स्थाई रूप से खुले मिल जायेंगे । यहां पर कोई नियम कानून लागू नहीं होता है,पूरी आजादी के साथ व्यापार फलफूल रहा है ,आपको सब मिलेगा कहीं और नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावा वहीं निजी एम्बुलेंस का पूरा जमावड़ा बना हुआ कि कब मरीज मिले और लेकर भागे।
इसी फिराक में निजी एम्बुलेंस वाले लगे रहते है। इससे यह साबित हो जाता है कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक द्वारा जारी आदेशों का जमीनी स्तर पर कितना अनुपालन किया जा रहा है। ऐसे ही आए दिन आदेश जारी होने से आखिर जनता का विश्वास उठना भी स्वाभाविक है। इसके लिए जब तक जमीनी हकीकत को नहीं देखा जायेगा तब तक संबंधित अधिकारियों की मनमानी जारी रहेगी और आने वाले समय में जनता का विश्वास धीरे-धीरे खत्म हो जायेगा।
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