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Wednesday, July 19, 2023

संत बालकदास जी ने कहा कि भगवान शिव महागुरु है


गोरखपुर। महायोगी गुरु गोरक्षनाथ मन्दिर गोरखपुर के सानिध्य में श्रीमानसरोवर मन्दिर, अंधियारी बाग, गोरखपुर मे श्रावण मास के अवसर पर 18 जुलाई से 24 जुलाई 2023 तक आयोजित श्री शिवमहापुराण कथा के दुसरे दिन बुधवार को कथा व्यास संत बालकदास जी तथा यजमान के उपस्थिति में व्यासपीठ की पूजा आरती करने के बाद व्यासपीठ ने संत बालकदास जी ने आज के श्रीशिव महिमा एवं श्रीशिव प्राकट्य उत्सव प्रसंग पर कथा प्रारम्भ करते हुए कहा कि भगवान शिव महागुरु है भगवान नारायण और ब्रम्हा जी ने ज्ञान प्राप्ति के लिए शिव जी से दिक्षा लेने के लिए बन्दना की, भोलेनाथ ने सबसे पहले नारायण के उपर अपना बाघम्बर डाला और कान मे ओंकार का उच्चारण कर दिया फिर ब्रम्हा जी के उपर बाघम्बर डालकर उनके कान मे भी ओंकार की दिक्षा और दिशा देने के बाद दोनो देवांे ने दक्षिणा के रूप मे भगवान शिव के चरणो मे अपने आप को समर्पित करते हुऐ भगवान शिव की बन्दना की। इसलिए कहा गया है कि भवसागर से जीवन नैया को पार लगाने के लिए गुरु की कृपा जरूरी है। कथा व्यास ने कहा कि अन्य देवी देवताओ लिए चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, तिथि तिथियॉ होती है। किन्तु गुरु के लिए गुरु पुर्णिमा होती है। क्योंकि पुर्णिमा तिथी गुरु स्वयं मे पुर्ण होता है इसलिए गुरु की विशेष पूजा पुर्णिमा को निर्धारित है। गुरु ही जीवन को पूर्ण बनाता है। उनके मुख से निकला हुआ शब्द ब्रम्हरूप होता है। जो कि मुक्ति का साधन बनता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को गुरु बनाना जरूरी होता है। योग्य गुरु न मिले तो गुरु गोरखनाथ जी को ही अपना गुरु बना लेना चाहिए। 
भोलेनाथ की पूजा विधी का वर्णन करते हुआ हुए कथा व्यास ने कहा कि रखा रुद्राक्ष की माला, भस्म धारण करने से भगवान शिव अत्यन्त प्रसन्न होते है। तथा ऐसे व्यक्ति व उसके आस पास रहने वाले का भी आयु बढ़ती ह,ै गरीबांे को भोजन कराने से और जिनका कोई नही होता उसकी सेवा करने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते है। यह पुरुषोत्तम मास हर भाषा मे उत्तम मास है। इसमे शिव परिवार का पुष्पन, अर्चन, जप, तप, साधना, आराधना, अक्षय पूर्ण प्रदान करता है। आज की कथा की समाप्ति पर यजमान वैद्य अरूण कुमार श्रीवास्तव,  कपिलमुनि, राकेश सिंह ने व्याासपीठ की आरती किया। इसके पूर्व प्रातः 7 से 8 बजे तक मुख्य यजमान ने रूद्राभिषेक किया। इस अवसर पर महंत हनुमान नाथ, स्थानीय पार्षद पवन त्रिपाठी, विनय चतुर्वेदी, विनय गौतम, अजय सिंह आदि गणमान्य श्रद्धालु उपस्थित थे । कथा समापन के पश्चात श्रद्वालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।

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