वॉयस ऑफ बस्ती संवाददाता
नई दिल्ली। अखिल भारतीय समाचार पत्र एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश चन्द्र शुक्ल ने विगत विधान सभा सत्र के दौरान पूर्व विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय द्वारा पत्रकारों के संदर्भ में की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि सदन के मध्य इस प्रकार की टिप्पणी न केवल घोर अव्यवहारिक, आपत्तिजनक और निन्दनीय है, बल्कि यह लोकतंत्र के एक प्रमुख स्तम्भ—स्वतंत्र पत्रकारिता—पर सोचा-समझा सुनियोजित आक्रमण है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यह कहना कि पत्रकार शासन से पैसा लेते हैं, इसलिए सरकारी समाचार प्रकाशित व संचरित होती हैं, और पैसे न देने पर वाहन के लिए डीजल डलवा देने जैसी बात करना, सम्पूर्ण पत्रकार जगत की गरिमा, स्वाधीनता और निष्पक्ष दायित्व निर्वहन को कलंकित करने वाला कथन है। इस तरह की अनुत्तरदायी और अपमानजनक टिप्पणी पत्रकारों के संविधान प्रदत्त अधिकारों एवं स्वतंत्र पत्रकारिता की मूल भावना के सर्वथा विपरीत है।
अखिल भारतीय समाचार पत्र एसोसिएशन परिवार ने इस बयान की कड़ी और घोर निन्दा करते हुए चेतावनी दी है कि यदि समय रहते इस प्रकार के गैर-जिम्मेदाराना आरोपों पर सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना नहीं की गई और भविष्य में संयम नहीं बरता गया, तो देश का समस्त पत्रकार समाज लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक दायरे में रहते हुए आन्दोलनात्मक और कानूनी कदम उठाने के लिए विवश होगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पत्रकारों और पत्रकारिता जगत की गरिमा, सम्मान और सहिष्णुता से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा। साथ ही अखिलेश चन्द्र शुक्ल ने देश भर के सभी पत्रकारों से अपील की है कि प्रकरण पर सार्वजनिक माफी मांगे जाने तक टिप्पणीकार माता प्रसाद पाण्डेय की खबरों का बहिष्कार किया जाए और उनके संबंध में एक भी पंक्ति समाचार पत्रों में प्रकाशित न की जाए।

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