बस्ती। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन समाजवादी पार्टी के विधायक महेन्द्रनाथ यादव ने विधानसभा में शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क निर्माण से जुड़े अहम सवाल उठाए।
विधायक ने सरकार से पूछा कि क्या विकासखंड स्तर पर राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज खोलने पर विचार किया जा रहा है और इसके लिए क्या नियम व मानक निर्धारित हैं। उन्होंने कहा कि उनके प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री ने बताया कि इंटरमीडिएट कॉलेज खोलने का कोई स्पष्ट नियम नहीं है। इस पर महेन्द्रनाथ यादव ने सदन में कहा कि शिक्षा हमारा अधिकार है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी शिक्षा का बाजारीकरण कर रही है और छात्रों को बेहतर शिक्षा देने की कोई ठोस मंशा नहीं दिखती।
विधायक के सवालों का जवाब देते हुए माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि जिन क्षेत्रों में 7 से 10 किलोमीटर के दायरे में कोई इंटरमीडिएट कॉलेज नहीं है, वहां हाईस्कूलों का उच्चीकरण कर शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इंटरमीडिएट शिक्षा की व्यवस्था सुचारू रूप से की जा रही है।
एक अन्य अतारांकित प्रश्न के माध्यम से विधायक महेन्द्रनाथ यादव ने मुख्यमंत्री से पूछा कि गंभीर बीमारी के इलाज के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से केवल 50 प्रतिशत धनराशि ही उपलब्ध कराई जाती है, जिससे गरीबों का पूरा इलाज संभव नहीं हो पाता। इसके लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री ने बताया कि तात्कालिक आवश्यकता और औचित्य के आधार पर निर्धन व्यक्तियों को आर्थिक सहायता दी जाती है और इस प्रक्रिया में किसी संशोधन की आवश्यकता नहीं है।
इसके अलावा विधायक ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में 2 सितंबर 2025 तक सड़कों के निर्माण को लेकर सवाल किया। मुख्यमंत्री के लिखित उत्तर में बताया गया कि इस अवधि में नए मार्गों का निर्माण नहीं कराया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के तहत पूर्व निर्मित क्षतिग्रस्त मार्गों का उच्चीकरण और चौड़ीकरण किया गया है। साथ ही, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ग्राम सड़क योजना-4 शुरू की गई है, जिसके तहत पात्र बसावटों को सिंगल कनेक्टिविटी के माध्यम से सर्वऋतु संपर्क मार्गों से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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