- पेंशनरों का हित संवेदनशील सरकार की जिम्मेदारी : रुपेश श्रीवास्तव
गोरखपुर। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की एक आवश्यक बैठक आज परिषद के कैम्प कार्यालय, तुर्कमानपुर में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष रुपेश श्रीवास्तव ने की।
बैठक में आठवें वेतन आयोग के गठन और आयोग के समक्ष विचारार्थ पत्र में पेंशनरों का उल्लेख न होने पर गहरी निराशा व्यक्त की गई। अध्यक्ष रुपेश श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार संवेदनशील है और यदि आयोग को भेजे गए पत्र में कोई भूल हुई है, तो उसे सुधारकर पेंशनर्स के हितों की रक्षा अवश्य करेगी। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली कर्मचारियों का अधिकार है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर पुरानी पेंशन बहाली से सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ता है तो माननीयों को मिलने वाली चार-चार पेंशनें बंद की जाएं और उन्हें भी एनपीएस/यूपीएस के दायरे में लाया जाए। इससे देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और कर्मचारियों को न्याय मिल सकेगा।
सह संरक्षक वरुण वैरागी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने पेंशनर्स के हितों पर कुठाराघात करने का प्रयास किया तो “पेंशनर्स अपनी बुढ़ापे की लाठी लेकर सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।”
महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल ने कहा कि परिषद को विश्वास है कि सरकार आठवें वेतन आयोग में कर्मचारियों और पेंशनर्स के हितों को सुरक्षित रखते हुए पुरानी पेंशन बहाली का मार्ग प्रशस्त करेगी, जिससे आने वाले चुनावों में भी सरकार को मजबूती मिलेगी।
पंडित श्याम नारायण शुक्ल ने कहा कि सरकार यदि आठवें वेतन आयोग के साथ पुरानी पेंशन व्यवस्था भी बहाल कर देती है तो इससे 2026, 2027 और 2029 के चुनावों में सकारात्मक परिणाम सुनिश्चित होंगे।
बैठक में मुख्य रूप से रुपेश श्रीवास्तव, अशोक पाण्डेय, मदन मुरारी शुक्ल, पंडित श्याम नारायण शुक्ल, वरुण वैरागी, बंटी, अनुप श्रीवास्तव, राजेश मिश्रा, राजकुमार, सौरभ श्रीवास्तव, इजहार, फूलई, रतन लाल श्रीवास्तव, सरिता सिंह, विनीता सिंह, सुरेश चन्द्र पाण्डेय, राजेश सिंह, ओंकार नाथ राय, रामधनी, रामचन्द्र दुबे, राघव, गणेश पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।

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