बस्ती। ए.एम.यू. ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन की ओर से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (ए.एम.यू.) के संस्थापक सर सैयद अहमद खां का जन्मदिन 'सर सैयद डे' के रूप में धूमधाम से मनाया गया। यह कार्यक्रम शहर के गांधीनगर स्थित एक होटल के सभागार में आयोजित किया गया, जिसमें कई गणमान्य अतिथियों और पूर्व छात्रों ने हिस्सा लिया।
मुख्य अतिथि एवं लोकजतन के संपादक बादल सरोज ने कहा कि सर सैयद अहमद खां ने न केवल मजहबी शिक्षा बल्कि बुनियादी और आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में भी अतुलनीय योगदान दिया। उन्होंने कहा, "चुनौतियां उस समय भी थीं, आज भी हैं, लेकिन इन्हीं चुनौतियों के बीच से हमें तरक्की का रास्ता निकालना होगा। यह तभी संभव है जब हम जाति-धर्म की संकीर्णताओं से ऊपर उठकर सोचें और काम करें।"
मुख्य संरक्षक डॉ. मो. इकबाल ने कहा, "हम में से हर कोई ए.एम.यू. जैसी बड़ी संस्था नहीं बना सकता, लेकिन अगर हर कोई थोड़ी-थोड़ी कोशिश करे तो ज़रूरतमंदों की मदद कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है।"
संरक्षक काजी अरशद अब्बासी एवं अफसर यू. अहमद ने सर सैयद की जीवनी और उनके कार्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 17 अक्टूबर 1817 को दिल्ली (मुगल साम्राज्य) में जन्मे सर सैयद 19वीं सदी के सबसे प्रभावशाली मुस्लिम समाज सुधारक और विचारक थे।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अब्दुल रशीद ने कहा, “ए.एम.यू. की स्थापना के लिए सर सैयद ने अपार संघर्ष किया। वे पैरों में घुंघरू बांधकर चंदा इकट्ठा करते थे। उन्होंने मुस्लिम समाज को आधुनिक शिक्षा की ओर मोड़ने का प्रशंसनीय कार्य किया।”
कार्यक्रम का संचालन शोएब रहमान ने किया। जलसे को सफल बनाने में मो. मसूद अहमद, गुड्डू हाजी, मो. फुजैल, इंजी. आफताब अहमद, इंजी. परवेज फसीह, डॉ. जेनैद अहमद, डॉ. निहालुद्दीन जमाली, डॉ. मुशीद अहमद, डॉ. महबूब आलम, डॉ. ए.आर. खान, डॉ. आसिम फारूकी, सैयद अशरफ सहित कई लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कार्यक्रम में सर सैयद के जीवन, शिक्षा और समाज सुधार के प्रयासों को याद कर उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया गया।

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