बस्ती। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में शनिवार को जनपद के समस्त विकासखण्डों से आए परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का तीन दिवसीय आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को विद्यालयी संसाधनों के दक्ष उपयोग, गणित व विज्ञान किट, डिजिटल लिटरेसी, सामुदायिक सहभागिता तथा शिक्षा को आजीविका से जोड़ने जैसे विषयों पर व्यावहारिक जानकारी देना रहा।
प्रशिक्षण समापन अवसर पर डायट प्राचार्य एवं एडी बेसिक बस्ती मंडल संजय शुक्ल ने कहा कि यह प्रशिक्षण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एक मजबूत आधार है। उन्होंने प्रतिभागी शिक्षकों से आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण में सीखी गई विधियों का विद्यालयों में अनुपालन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि डिजिटल लिटरेसी आज के दौर की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है और इसे एक प्रभावी शैक्षिक संसाधन के रूप में अपनाया जाना चाहिए।
कार्यक्रम के नोडल प्रवक्ता अमन सेन ने कहा कि शिक्षा को रोचक बनाकर कमजोर बच्चों की सहायता के साथ-साथ खेल गतिविधियों का विस्तार व शिक्षा को आजीविका से जोड़ने की दिशा में यह प्रशिक्षण उपयोगी सिद्ध होगा।
प्रशिक्षण में विशेषज्ञों ने विषयवार सत्र लिए, जिनमें शामिल रहे :
मनोज उपाध्याय ( गणित एआरपी, बनकटी ) – गणित किट का प्रयोग
अनुराग श्रीवास्तव ( विज्ञान एआरपी, सल्टौआ ) – विज्ञान किट का प्रदर्शन
गरिमा त्रिपाठी (सामाजिक अध्ययन एआरपी, नगर क्षेत्र) – इको क्लब व मिशन फॉर लाइफ
अनूप कुमार सिंह – डिजिटल लिटरेसी
ईश्वर पांडेय (डीसी एमआईएस) – सूचना प्रबंधन
अंगद प्रसाद पांडेय (एसआरजी) – विद्यालय भवन व किचन गार्डन
सत्येंद्र श्रीवास्तव (डीसी) – सामुदायिक सहभागिता
कहानी सुनाओ प्रतियोगिता भी रही आकर्षण का केंद्र
शनिवार को ही डायट में "पैरा ओलंपिक खिलाड़ी विषय पर कहानी सुनाओ प्रतियोगिता" का आयोजन भी किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने प्रेरणादायक कहानियों के माध्यम से संघर्ष, त्याग और समर्पण की मिसालें पेश कीं। प्राथमिक स्तर पर अभिषेक त्रिपाठी (ब्लॉक दुबौलिया) एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर अनामिका सिंह (ब्लॉक साऊँघाट) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में जीजीआईसी की प्रवक्ता अंजू व वीणा तथा जीआईसी के प्रवक्ता सुशील कुमार शामिल रहे। नोडल प्रवक्ता वंदना चौधरी ने बताया कि कहानी के माध्यम से शिक्षकों में सकारात्मक दृष्टिकोण और गुणात्मक सुधार की भावना विकसित होती है।
इस अवसर पर डायट प्रवक्ता डॉ. गोविन्द प्रसाद, डॉ. ऋचा शुक्ला, कल्याण पांडेय, अमन सेन, वर्षा पटेल, नवनीत वर्मा, अनिल चौधरी, रमाकांत समेत प्रशिक्षु शिक्षकों संदीप, नागेश, शिवम, सूरज मंडल, अमरेंद्र, ज्ञानेन्द्र, अजय, अरुण आदि ने प्रशिक्षण की सफलता में सक्रिय योगदान दिया।

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