डॉ सतीश कुमार, डॉ वीरेंद्र आत्म, डॉ डी. हिमांशु की टीम ने चमत्कारिक ईलाज से दो मरीजों को दी नई जिंदगी
लखनऊ। चिकित्सा जगत में रोज नए कोई ना कोई चमत्कारिक इलाज होते रहे हैं। इसी क्रम में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू में भाजपा के पूर्व विधायक विन्ध्यवासिनी कुमार को 5 जुलाई शनिवार को डायबेटिक किडनी डिज़ीज़ के साथ यूरेमिक एन्सेफेलोपैथी की गंभीर बीमारी का पता चलने के बाद मेडिसिन विभाग में भर्ती किया गया। उनके परिजनों को उम्मीद कम थी कि बच पाएंगे, स्थिति बहुत ही नाजुक होने के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा।
डॉ सतीश कुमार, एमडी, मेडिसिन की विशेषज्ञ टीम द्वारा चार सत्र डायलिसिस के उपरांत सातवें दिन उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया। वर्तमान में उनकी स्थिति स्थिर एवं सामान्य है। और बहुत ही तेजी के साथ रिकवर हो रहे है। उनको देखने और स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए भाजपा के कई वरिष्ठ मंत्रियों में राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री, भारत सरकार, बृजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश, दिनेश शर्मा, पूर्व उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सहित सैकड़ों नेताओं ने हाल-चाल जाना और डॉ सतीश कुमार के सफल प्रयास की सभी ने सराहना किया, राजनाथ सिंह ने सराहना करते हुए कहा कि आपके सफल प्रयास से आज नेता जी के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। डॉक्टर के अनुसार शीघ्र ही उन्हें स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। दूसरा मरीज देवरिया जिले के बरियारपुर नगर पंचायत रघुनाथपुर की निवासी श्रीमती राधिका देवी को पैरालाइज्ड अटैक आ गया। परिजन तुरन्त देवरिया मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया पर वहां प्राथमिक उपचार कर मरीज की हालत बिगड़ती देख एम्स गोरखपुर रेफर कर दिया। एम्स में भी डॉक्टरों ने देखा हालत नाजुक होने के कारण तुरंत केजीएमयू, लखनऊ रेफर कर दिया। यहां पर डॉ सतीश कुमार के देख-रेख में मेडिसिन विभाग के महिला वार्ड में मरीज को भर्ती कराया गया, जहां पर तुरंत बेहतर इलाज से मरीज की हालत में सुधार होने लगा।
डॉक्टर की टीम से बात किया गया जिसमें उन्होंने कहा कि यह बताते हुए आत्म संतुष्टि की अनुभूति हो रही है कि मेरी सम्पूर्ण स्वास्थ्य टीम ने अत्यंत समर्पण, मेहनत और ईमानदारी के साथ पूर्व विधायक जी और गरीब महिला के उपचार में पूर्ण सफल भूमिका निभाई है। संपूर्ण इलाज में डॉक्टरों की टीम ने अपनी भूमिका निभाई है जिसमें डॉ सतीश कुमार, डॉ वीरेंद्र आत्म, डॉ डी. हिमांशु के साथ साथ सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स का भी योगदान रहा।
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