गोरखपुर। सरस्वती शिशु मन्दिर पक्कीबाग, गोरखपुर में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा प्रस्तावित ‘‘संस्कृति बोध परियोजना व्यापीकरण अभियान’’ का सोमवार को शुभारंभ किया गया। इस अभियान का उद्देश्य भारतीय संस्कृति के प्रति छात्रों में जागरूकता बढ़ाना और इसे अधिक से अधिक विद्यालयों तक पहुंचाना है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रदेश निरीक्षक शिशु शिक्षा समिति गोरख प्रांत राम सिंह जी ने अपने उद्बोधन में संस्कृति बोध परियोजना की महत्ता पर प्रकाश डाला।
राम सिंह जी ने कहा, "संस्कृति बोध परियोजना छात्रों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यह परियोजना न केवल छात्रों में सांस्कृतिक ज्ञान का प्रसार करती है, बल्कि उन्हें अपनी जड़ों से जुड़ने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में मदद करती है। विद्या भारती द्वारा संचालित यह अभियान देशभर के विद्यालयों में संस्कृति ज्ञान परीक्षा, प्रश्न मंच और निबंध प्रतियोगिताओं के माध्यम से युवा पीढ़ी में भारतीय संस्कृति के प्रति लगाव को और प्रगाढ़ बनाएगा।
विदित हो कि विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान द्वारा संचालित संस्कृति बोध परियोजना 1980 से सक्रिय है, जिसमें अखिल भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा, आचार्यों के लिए विशेष परीक्षा, प्रश्न मंच कार्यक्रम और निबंध प्रतियोगिताएं शामिल हैं। इस परियोजना के अंतर्गत संस्कृति बोधमाला नामक पुस्तक श्रृंखला प्रकाशित की जाती है, जो छात्रों को भारतीय इतिहास, परंपराओं और मूल्यों से परिचित कराती है।
कार्यक्रम के दौरान संस्कृति बोध परियोजना से जुड़ी पुस्तक का विमोचन भी किया गया। ये पुस्तकें छात्रों के लिए स्वाध्याय आधारित हैं और संस्कृति ज्ञान परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगी। विमोचन समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने परियोजना की सराहना की और इसे राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस अवसर पर संभाग निरीक्षक कन्हैया लाल जी, संस्कृति बोध परियोजना के प्रान्त संयोजक दिवाकर मिश्र जी, प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख गोविन्द सिंह जी, पक्कीबाग के प्रधानाचार्य डॉ. राजेश सिंह जी तथा पक्कीबाग के प्रमुख देवेन्द्र सिंह जी सहित अन्य पदाधिकारी एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे।
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