बस्ती। मंडल में अब पांच करोड़ रुपए से अधिक लागत के सरकारी भवनों के निर्माण कार्यों की निगरानी अयोध्या से की जाएगी। कारण यह है कि यहां स्थापित पीडब्ल्यूडी का भवन निर्माण खंड गोरखपुर स्थानांतरित होने का फरमान जारी हो चुका है। इससे जिला समेत मंडल में निर्माणाधीन सरकारी भवनों से संबंधित परियोजनाओं के विकास का पहिया धीमा हो जाएगा और यहां स्थापित पीडब्ल्यूडी के पांच खंडों की जगह महज चार ही खंड बचे रह जाएंगे।
लगभग सवा तीन साल पहले अप्रैल 2022 में शासन ने संतकबीरनगर में स्थापित पीडब्ल्यूडी भवन निर्माण खंड को बस्ती स्थानांतरित कर दिया था। यहां पुराना डाकबंगला स्थित एक छोटे से भवन में तत्कालीन अधिशासी अभियंता सत्यपाल सिंह व सहायक अभियंता अखिलेश सिंह के अलावा महज एक अवर अभियंता आरपी चौधरी की टीम ने कार्यभार संभाल लिया और इन तीन वर्षों में लगभब डेढ़ दर्जन परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार कर पुरजोर पसीना बहाया। यही नहीं बाद में सहायक अभियंता राकेश सिंह समेत तकरीबन दर्जन भर अन्य अभियंताओं की बढ़ोत्तरी हुई और खंड एक से एक परियोजनाओं को मूर्त रूप देने में जुट गया। बावजूद इसके विभागीय उपेक्षा के चलते यहां सिर्फ छरौछा स्थित फोरेंसिक लैब, दुबौलिया स्थित बाढ़ शरणालय व रुधौली तहसील परिसर में सरकारी भवनों के निर्माण का कार्य ही शुरू हो सका है। जबकि दर्जन भर से अधिक परियोजनाओं के लिए सर्वे और इस्टीमेट की आवश्यक प्रक्रिया चालू है। इधर तकरीबन दस महीने पहले यहां तैनात अधिशासी अभियंता सत्यपाल सिंह को स्थानांतरित कर दिया गया और कुर्सी अब तक खाली पड़ी हुई है। यहां का कार्यभार पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता अवधेश कुमार के जिम्मे सौंपा गया है। यहीं से इस खंड पर असुरक्षा व उपेक्षा के बादल छाने लगे और अंततः इसी सप्ताह प्रदेश शासन से विशेष सचिव शेषनाथ ने पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष व प्रमुख अभियंता विकास को पत्र जारी कर बस्ती के इस भवन निर्माण खंड को गोरखपुर स्थानांतरित करने का फरमान दनदना दिया। साथ ही चालू कार्यों के निगरानी की जिम्मेदारी अयोध्या पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड दो को दे दिया है।
- पांच करोड़ से उपर के भवन बनाता है खंड
पूर्व में मंडल मुख्यालय पर पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड, निर्माण खंड एक, बाह्य सहायतिक परियोजना खंड व एनएच खंड संचालित हो रहे थे। अप्रैल 2022 में यहां भवन खंड को भी संतकबीरनगर से स्थानांतरित कर दिया गया। इस प्रकार बस्ती में विकास परियोजनाओं को पंख लगाने के लिए कुल पांच खंड कार्यालयों को संचालित किया जाने लगा। शासन के निर्देशानुसार सभी सरकारी भवन जिनकी लागत पांच करोड़ रुपए से ऊपर है, उनका निर्माण पीडब्ल्यूडी के भवन खंड को सौंपी गई है। इसी कारण से शासन ने इस खंड की स्थापना किया था और उसी अनुसार योग्य इंजीनियरों की तैनाती की गई थी। ताकि उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सकेगी और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं हो सकेगा।
- इन परियोजनाओं पर लग गया ग्रहण
भवन निर्माण खंड कार्यालय ने जहां अब तक लगभग 48 करोड़ रुपए की लागत से विधि विज्ञान प्रयोगशाला यानी कि फोरेंसिक लैब व चार करोड़ की लागत से बाढ़ शरणालय का लगभग क्रमशः 75 व 90 फीसदी काम पूरा कर लिया है, वहीं रुधौली तहसील परिसर में 10.62 करोड़ की लागत से आवासों का निर्माण भी शुरू कर दिया है। जबकि मंडल के बस्ती सदर, हर्रैया, भानपुर व सिद्धार्थनगर के नौगढ़ समेत चार अन्य तहसील परिसरों में कर्मचारियों व अधिकारियोें के आवासों के लिए इस्टीमेट शासन तक पहुंच चुका है। यही नहीं 14.83 करोड़ की लागत से बस्ती में मंडलीय सेल्स टैक्स कार्यालय, संतकबीरनगर में 44.03 करोड़ की लागत से बहुमंजिले पुलिस आवास के दो टावर, सिद्धार्थनगर के बांसी में 12.31 करोड़ की लागत से फायर स्टेशन व 50 करोड़ की लागत से बस्ती कचहरी परिसर में तीन सौ वकीलों के चैंबर भवन के निर्माण के लिए इस्टीमेट भी शासन को भेजा जा चुका है। साथ ही मंडल के तीनों जिलों में स्थानांतरित होकर आने वाले अधिकारियों के लिए ट्रांजिट हॉस्टेल व सिद्धार्थनगर के उस्का बाजार में 25 करोड़ की लागत से सीएम कंपोजिट स्कूल के लिए भी सर्वे व इस्टीमेट बनाने का कार्य लगभग पूरा होने वाला है। खंड के गोरखपुर स्थानांतरित होने पर इन परियोजनाओं पर अब ग्रहण लग गया है।
- सभी परियोजनाओं पर पहले की तरह होगी निगरानी
बस्ती पीडब्ल्यूडी भवन खंड के गोरखपुर स्थानांतरण व अयोध्या खंड को निगरानी की जिम्मेदारी मिलने की सूचना मिली है। यहां से संचालित सभी परियोजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ने दिया जाएगा।
- इं. बीएल सिंह, मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी बस्ती।
.jpeg)
No comments:
Post a Comment