वाराणसी। उत्तर प्रदेश के सेवापुरी क्षेत्र की ग्रामीण महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रही हैं और इस बदलाव की बागडोर संभाली है अदाणी फाउंडेशन के कौशल विकास केंद्र ने। यह केंद्र न सिर्फ तकनीकी और डिजिटल प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता की दिशा में सशक्त भी कर रहा है।
इस केंद्र से महिलाओं को सिलाई, डिजिटल साक्षरता, डेटा प्रोसेसिंग, ग्राहक सेवा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जैसी व्यावसायिक दक्षताएं सिखाई जा रही हैं, जिससे उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।
सेवापुरी की महिलाओं ने अपने कौशल को एक नई पहचान दी है। काशी प्रेरणा सक्षम प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के तहत दो प्रमुख ब्रांड, गंगातिरी और नारी शक्ति, ने गोबर और प्राकृतिक उत्पादों से बनी अगरबत्तियों का निर्माण शुरू किया है। यह उत्पाद न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि इस पहल से 300 से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार भी मिला है।
देशभर में 118 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से करीब 14 करोड़ ग्रामीण परिवारों को आजीविका और सशक्तीकरण का समर्थन मिल रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिलाओं को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण देकर उद्यमिता की राह दिखाई जा रही है।
अदाणी फाउंडेशन की यह पहल, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को केंद्र में रखकर, सरकारी प्रयासों को जमीनी स्तर पर मजबूती प्रदान कर रही है।
अदाणी फाउंडेशन की ‘सक्षम’ पहल के तहत देश के 19 शहरों में 30 कौशल विकास केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों में 55 से अधिक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से अब तक 90,000 से ज्यादा युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
अदाणी समूह का मूल सिद्धांत अच्छाई के साथ विकास इस पहल में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। जाति, वर्ग या लिंग से परे, यह केंद्र समाज के कमजोर वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कार्य कर रहा है।
सेवापुरी की यह पहल न केवल एक क्षेत्रीय परिवर्तन की कहानी है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल भी बन रही है, जहां ग्रामीण महिलाएं कौशल और मेहनत के बल पर अपने और समाज के भविष्य को संवार रही हैं।
No comments:
Post a Comment