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Wednesday, May 28, 2025

राहुल गांधी को मिली वाराणसी कोर्ट से राहत, भगवान राम पर की गयी टिप्पणी के खिलाफ याचिका खारिज


वाराणसी। वाराणसी की एक अदालत ने मंगलवार को विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी को तलब करने और इस साल अप्रैल में अमेरिका के ब्राउन विश्वविद्यालय में अपने भाषण के दौरान भगवान राम को कथित रूप से पौराणिक चरित्र कहने के लिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने कहा कि उनकी याचिका को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नीरज कुमार त्रिपाठी ने खारिज कर दिया, जिन्होंने इसे ष्गैर-स्थायीष् माना। अदालत ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 के प्रावधानों के अनुसार, ऐसे मामलों में केंद्र या राज्य सरकार या जिला मजिस्ट्रेट से पूर्व अनुमति अनिवार्य है।
- अदालत ने क्या कहा ?
राहुल गांधी के खिलाफ याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) नीरज कुमार त्रिपाठी ने याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने याचिका को ‘‘गैर-स्थायी’’ माना, जिससे मामला खारिज हो गया। अदालत ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 के प्रावधानों के अनुसार, ऐसे मामलों में केंद्र या राज्य सरकार या जिला मजिस्ट्रेट से पूर्व अनुमति अनिवार्य है। वकील ने कहा कि वह अब जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति मांगेंगे और फिर से याचिका दायर करेंगे।
- क्या था मामला ?
यह शिकायत अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने 12 मई को दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ब्राउन यूनिवर्सिटी में अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने भगवान राम को ‘‘पौराणिक और काल्पनिक व्यक्ति’’ बताया था। पांडे ने अदालत से कानून की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने का आग्रह किया।
उन्होंने गांधी की टिप्पणी को ‘घृणास्पद भाषण’ के रूप में भी वर्गीकृत किया, जो उनके विचार में सनातन धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को गहराई से आहत करता है।
आपराधिक शिकायत में कहा गया है, ‘‘सांसद राहुल गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस तरह के कृत्यों के आदतन अपराधी बन गए हैं। महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर से संबंधित मामले में माननीय सर्वाेच्च न्यायालय ने राहुल गांधी (संसद सदस्य और लोकसभा में विपक्ष के नेता) और उनकी पार्टी को कड़ी फटकार लगाई थी। हालांकि, ये लोग अपने तौर-तरीकों में सुधार करने से इनकार करते हैं। वे सनातन धर्म के अवतारों और महान प्रतीकों के बारे में निराधार और आपत्तिजनक टिप्पणी करना जारी रखते हैं, जिससे सनातन धर्म का पालन करने वाले हिंदुओं का अपमान होता है। नफरत फैलाने वाले भाषण देकर उन्होंने गंभीर आपराधिक अपराध किया है।’’
- राहुल गांधी ने क्या कहा ?
पिछले महीने एक अमेरिकी विश्वविद्यालय में बातचीत के दौरान, गांधी ने हिंदू की परिभाषा के बारे में भाजपा के विचार को खारिज कर दिया और कहा कि सभी महान भारतीय समाज सुधारक और राजनीतिक विचारक - ज्योतिराव फुले, बीआर अंबेडकर, महात्मा गांधी और यहां तक ​​कि गुरु नानक, बसव और बुद्ध - ने एक ही बात कही थी, ‘‘सभी को अपने साथ लेकर चलें, सत्य और अहिंसा।’’
कांग्रेस नेता ने कहा था, ‘‘मेरे लिए यह भारतीय परंपरा और इतिहास का आधार है। मैं भारत में किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं जानता जिसे हम महान मानते हों और जो इस प्रकार का न हो। मैं एक भी व्यक्ति के बारे में नहीं सोच सकता। सभी पौराणिक पात्र हैं। भगवान राम उस समय के थे, जहां वे क्षमाशील थे, वे दयालु थे।’’

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