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Friday, August 23, 2024

शिक्षा के साथ संस्कारों को धारण करने से होती हैं तेजस्वी बेटियां -महावीर मुमुक्षु


बस्ती। शिक्षा जीवन को विकसित करने के लिए अनिवार्य है पर संस्कारों से हमारी संस्कृति झलकती है। इसलिए शिक्षा के साथ संस्कारों को धारण करने से बेटियां तेजस्वी हो जाती हैं और वे दो कुलों को पवित्र कर देती हैं। यह बातें आर्य समाज नई बाजार बस्ती द्वारा आयोजित सात दिवसीय वेद प्रचार सप्ताह के अंतर्गत श्री राम सहाय सिंह महिला महाविद्यालय महरीपुर बस्ती में विद्यालय की बालिकाओं को शिक्षा और संस्कारों की जानकारी देते हुए आचार्य महावीर मुमुक्षु ने कही। उन्होंने बताया कि हमें अपनी शिक्षा से भौतिक विकास जरूर करना है पर अपनी सांस्कृतिक विरासत को नहीं भूलना चाहिए। हमारे संस्कार ही संस्कृति बनाते हैं और विकसित संस्कृति वाला देश ही अच्छा माना जाता है। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती रजनी सिंह ने कहा कि बालिकाओं में संस्कारयुक्त शिक्षा से साहस और आत्मबल बढ़ता है जो आगे चलकर एक श्रेष्ठ समाज का निर्माण करती हैं। कार्यक्रम में बालिकाओं को सम्बोधित करते हुए डा. शशिकला श्रीवास्तव पूर्व प्रधानाचार्या आर्य कन्या इंटर कॉलेज बस्ती ने बालिकाओं को गुरुकुलीय शिक्षा प्रणाली के बारे में बताते हुए उसका महत्व बताया। इस अवसर पर आचार्य महावीर मुमुक्षु, डा शशिकला श्रीवास्तव और योग प्रशिक्षक गरुण ध्वज पाण्डेय द्वारा विद्यालय के प्राचार्य मनोज कुमार चौबे और रजनी सिंह को वैदिक साहित्य भेंट कर अध्ययन के लिए प्रेरित किया।प्रातःकालीन सभा में पण्डित नेम प्रकाश त्रिपाठी ने यज्ञ कराते हुए यजमानों को नित्य यज्ञ के लाभ बताए यजमान प्रवीण अग्रवाल मोती लाल, राममोहन पाल ने वैदिक मंत्रों आहुतियां दीं। अपने भजनोपदेश के माध्यम से उन्होंने बताया कि यज्ञ करने से हमारा वातावरण निरोगी और पवित्र होता है जिससे हम बीमारियों से तो मुक्त होते ही हैं साथ ही भावनाएं भी पवित्र हो जाती हैं। इस अवसर पर स्वामी दयानन्द विद्यालय में बाण विद्या का प्रदर्शन करते हुए बताया कि यजुर्वेद से निकला धनुर्वेद हमें अपनी और अपने देश की रक्षा के लिए प्रशिक्षित करता है। यह धनुष प्रदर्शन के लिए नहीं बल्कि देश और धर्म की रक्षा के लिए उठता है। बाण विद्या का प्रदर्शन देखकर बच्चों ने एक तरफ मनोरंजन किया और दूसरी ओर देश पर संकट आने पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने की प्रेरणा प्राप्त की। कार्यक्रम में महिमा आर्य, आयुषी आर्य, मनीषा, मिथलेश देवी, रामरती, उपेंद्र शर्मा, अरविंद श्रीवास्तव, सुमित कुमार, अजीत कुमार पांडे, देवव्रत आर्य, संतोष पांडे, कंचन लता आर्या, प्रिंस बरनवाल, रवि कुमार, कौशल सिंह, आदित्य बरनवाल, रमेश चंद्र श्रीवास्तव, अर्चना श्रीवास्तव, प्रमोद सिंह, राजेंद्र जायसवाल, रामचंद्र, अनूप कुमार त्रिपाठी, द्रौपदी देवी, सुमन आर्य, सत्यदेव प्रसाद, गणेश आर्य, शंकर जायसवाल, राम अग्रवाल सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।


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