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Tuesday, December 10, 2019

शिक्षा बच्चों के भावी जीवन के लिए जरूरी, पुरस्कार से मिलती है प्रेरणा-श्रीमती आनन्दी बेन पटेल

-पारितोषिक वितरण समारोह में पुरस्कृत हुए 715 छात्र-छात्रायें
-''साधना पथ'' स्मारिका के साथ ही ''गोरक्ष प्रभा'' वार्षिक पत्रिका का हुआ विमोचन


गोरखपुर। दिग्विजय नाथ स्मृति सभागार में आयोजित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्थापक सप्ताह के समापन समारोह अवसर पर राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल एंव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पारितोषिक वितरण समारोह में कुल 715 छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। इसके अतिरिक्त सिटी आफ नोलेज के तौर पर विकसित करने के लिए वीजन डाक्यूमेन्ट ''साधना पथ'' स्मारिका के साथ ही ''गोरक्ष प्रभा'' वार्षिक पत्रिका का भी विमोचन किया गया।  
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि शिक्षा बच्चों के भावी जीवन के लिए उपयोगी होती है और पुरस्कार से प्रेरणा मिलती है। उन्होंने शिक्षा पर विशेष बल देते हुए कहा कि शिक्षा के साथ साथ स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य मस्तिष्क विकसित होता है। इसके लिए भोजन, खेल, स्वच्छता, शिक्षा आदि आवश्यक है। उन्होंने स्कूल, कालेज के प्राचार्यों से कहा कि वे समय समय पर छात्राओं का हिमोग्लोबीन अवश्य चेक करायें और यदि उनमें एनिमिक पाया जाता है तो उनका इलाज करायें। उन्होंने आगे कहा कि अच्छे स्वास्थ्य से बच्चों को सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठता मिलेगी, सरकार शिक्षा के प्रति काफी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। पूरे विश्व में प्रतिस्पर्धा है इसके लिए छात्रों को तैयार होना होगा लेकिन प्रतिस्पर्धा सकारात्मक होनी चाहिए। उन्होंने समान शिक्षा पर चर्चा करते हुए कहा कि छात्र छात्राओं के शिक्षा में असमानता नही होनी चाहिए।
राज्यपाल ने आगे कहा कि जीवन में अनुशासन का होना आवश्यक है, महापुरूषों ने अनुशासन को प्राथमिकता दी है। इसके साथ ही अध्ययन की भी आदत डालनी चाहिए और विषय के अलावा अन्य लाभकारी पुस्तकों का भी अध्ययन करना चाहिए, अपना काम स्वंय करना चाहिए। उन्होंने पानी बचाने पर चर्चा करते हुए कहा कि जल का हमारे जीवन में काफी महत्व है। उन्होंने बेहतर पर्यावरण के दृष्टिगत प्लास्टिक के प्रयोग न करने का आव्हान किया। राज्यपाल ने कहा कि अच्छे संस्कार से अच्छा इंसान बनता है तथा अच्छाई बुराई की आदत घर से ही पनपती है इसलिए बच्चों को सर्वदा अच्छाई की आदत डालनी चाहिए। अभिभावक बच्चों के विषय चयन हेतु दबाव न डाले बल्कि उनके इच्छा के अनुरूप विषय/दिशा चुनने दें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के विकास के उद्देश्य से सन 1932 में ब्रम्हलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त दिग्विजयनाथ ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद में राष्ट्र एंव समाज को समर्पित ज्ञानवान नागरिक तैयार करने की कोशिश की जाती है। वर्ष 1950 में गोरखपुर विश्वविद्यालय की आधारशिला में ब्रम्हलीन महन्त दिग्विजयनाथ का योगदान रहा। वर्तमान में शिक्षा परिषद की 4 दर्जन शिक्षण संस्थाएं संचालित है। उन्होंने यह भी बताया कि सिटी आफ नालेज के तौर पर विकसित करने के लिए वीजन डाक्यूमेन्ट साधना पथ जिसका विमोचन आज किया गया है शिक्षा परिषद के शाताब्दी वर्ष 2032 तक गोरखपुर को सिटी आफ नालेज के तौर विकसित करने का आव्हान भारत के महामहिम राष्ट्रपति ने किया था।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रतिवर्ष 4 से 10 दिसम्बर तक महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्थापक सप्ताह समारोह आयोजित किया जाता है जिसमें प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाता है। उन्होनें कहा कि परिश्रम का कोई विकल्प एंव मूल्य नही होता है, निस्वार्थ भाव से किया गया परिश्रम मनुष्य को यशस्वी बनाता है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद राष्ट्र व समाज को समर्पित ज्ञानवान नागरिक बनाने की दिशा में निरन्तर अग्रसर है।
इस अवसर पर स्वागत भाषण महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो0 उदय प्रताप सिंह ने किया। इस मौके पर जन प्रतिनिधि गण, विद्यालयों के प्राचार्य, छात्र छात्राएं, मण्डलायुक्त जयन्त नार्लिकर, जिलाधिकारी के0 विजयेन्द्र पाण्डियन आदि उपस्थित रहे।


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