बस्ती। भारतीय दलित वर्ग संघ के राष्ट्रीय सचिव साधू शरन आर्य ने जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर मांग किया कि निजी अस्पतालों में प्रसूताओं की जिन्दगी से खिलवाड़ कर मोटी रकम वसूलने वाले चिकित्सकों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाय। जिला महिला अस्पताल के साथ ही सरकारी अस्पतालों में सक्रिय निजी अस्पतालो के दलालों पर अंकुश लगाया जाय। दलालों के चक्कर में फंसकर अनेक महिलाओं की मौत हो चुकी है।
ज्ञापन में साधू शरन आर्य ने कहा है कि दिनेश कुमार निवासी रेती चौक गोरखपुर ने गर्भावस्था में अपनी पत्नी वैशाली को उसके नैहर दक्षिण दरवाजा थाना पुरानी बस्ती भेजा था। बैशाली को गत 22 जुलाई 2025 को प्रसव हेतु महिला चिकित्सालय में ले जाया गया। यहां एक दलाल ने कहा कि सरकारी अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है, प्रसूता को डा. अल्का शुक्ला के पास ले चलिये, वहां आसानी से आपरेशन हो जायेगा। परिवार दलाल के बहकावे में आ गया और वैशाली को लाइफ लाइन मेडिकल सेन्टर में भर्ती कराया गया। यहां डाक्टर अल्का शुक्ला ने वैशाली का आपरेशन हुआ, लाइफ लाइन मेडिकल सेन्टर किसान हाई स्कूल परिसर में वैशाली की तबीयत आपरेशन के बाद बिगड़ गयी। 26 जुलाई की रात में आपरेशन हुआ और सबेरे डा. अल्का शुक्ला और उनके पति डा. जीएम शुक्ला ने डाटकर और गालियां देते हुये कहा कि आपका मरीज ठीक है, चाहिये तो उसे सावित्री हास्पिटल गोरखपुर लेकर जाइये। यहां सावित्री हास्पिटल के चिकित्सकों ने बताया कि अब मरीज के बचने की संभावना नहीं है। यहां से वैशाली को लखनऊ हायर सेन्टर के लिये रेफर कर दिया गया। यहां 10 दिनों के इलाज के बाद 6 अगस्त को वैशाली ने दम तोड़ दिया। चिकित्सकों का कहना था कि आपरेशन में डा. अल्का शुक्ला ने घोर लापरवाही किया है।
भारतीय दलित वर्ग संघ के राष्ट्रीय सचिव साधू शरन आर्य ने मांग किया है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी महिला चिकित्सक डा. अल्का शुक्ला के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराकर कड़ी कार्रवाई के साथ ही पीड़ित दलित परिवार को समुचित आर्थिक सहायता उपलब्ध कराया जाय। ज्ञापन सौंपने के दौरान अर्जक समाज के राष्ट्रीय संयोजक गौरीशंकर, सोनू राव, रामधीरज चौधरी, महबूब आलम का. रामलौट आदि शामिल रहे।
No comments:
Post a Comment