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Sunday, July 20, 2025

जिले में निजी अस्पताल की लापरवाही से बुजुर्ग की मौत, परिजनों को धमकी देने का आरोप

- मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया धमकी देने का आरोप

– सीएमओ बस्ती सहित अन्य उच्चाधिकारियों को दिया शिकायती पत्र, किया निष्पक्ष जांच और कार्यवाही की मांग 


बस्ती। जनपद के एक निजी अस्पताल "ओमवीर हॉस्पिटल" में इलाज के दौरान घोर लापरवाही के चलते एक बुजुर्ग मरीज की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सकों पर गंभीर लापरवाही और धमकी देने के आरोप लगाए हैं। पीड़ित पक्ष के अनुसार, ग्राम मरहा, पोस्ट कटया, थाना नगर निवासी वीरेन्द्र प्रताप अपने पिता स्व. पल्टूराम को कमर के फोड़े के इलाज हेतु 17 जुलाई 2025 को ओमवीर हॉस्पिटल (कैली रोड, बस्ती) ले गए थे। वहां कार्यरत डॉ. नवीन चौधरी ने दूरबीन विधि से ऑपरेशन करने की बात कही और ₹30,000 का खर्च बताया। प्रारंभिक जांच में मरीज का हीमोग्लोबिन स्तर 5.5 ग्राम और बीपी काफी कम पाया गया, बावजूद इसके बिना उचित तैयारी और विशेषज्ञ सलाह के ऑपरेशन कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने जल्दबाजी में खून चढ़ाना शुरू किया, जिससे मरीज के हाथ-पैर अकड़ गए और मुँह से झाग निकलने लगा। कुछ ही देर में मरीज की मृत्यु हो गई, फिर भी इलाज जारी रखने का नाटक किया गया। स्थिति को भांपते हुए जब परिजनों ने सवाल उठाया तो अस्पताल संचालक डॉ. अर्चना चौधरी और स्टाफ ने गोरखपुर के राना हॉस्पिटल रेफर कर दिया, जहाँ पहुँचने पर मरीज को मृत घोषित कर दिया गया। घटना के बाद परिजनों ने जब अस्पताल प्रबंधन से जवाबदेही मांगी तो डॉ. अर्चना चौधरी और स्टाफ ने उन्हें धमकी दी कि "अगर किसी अधिकारी से शिकायत की तो पूरे परिवार को जान से मरवा देंगे। बताया गया कि डॉ०अर्चना चौधरी वर्तमान में सीएचसी मरवटिया में संविदा पर तैनात हैं, जबकि उनके पति डॉ. नवीन चौधरी महामाया मेडिकल कॉलेज, अंबेडकर नगर में कार्यरत हैं। वीरेन्द्र प्रताप ने मुख्य चिकित्साधिकारी, जनपद बस्ती सहित अन्य संबंधित उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायती पत्र सौंपकर दोषी चिकित्सकों व अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई और परिवार की सुरक्षा की मांग की है। वही इस घटना से क्षेत्रीय जनता में भारी आक्रोश है और लोग निजी अस्पतालों की मनमानी और लापरवाही के खिलाफ सख्त कदम की मांग कर रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि स्वास्थ्य विभाग इस गंभीर प्रकरण पर क्या कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

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