गोरखपुर। प्रधानमंत्री मोदी के 2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद से, उनकी हर नीति - निर्माण और इसे कार्यान्वित करने में "भारत प्रथम" के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने के अपने संकल्प पर अडिग रहे हैं। उन्होंने विकास की राजनीति अर्थात विकासवाद को केंद्र बिंदु बनाते हुए मुख्य धारा में ला दिया है और अब राजनीति संवाद एवं नीतिगत कार्य प्रकिया इसी के इर्द-गिर्द घूमती है।
2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के 11 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह 11 वर्ष समावेशी, प्रगतिशील और सतत विकास लाने के लिए समर्पित रहे हैं। सरकार अपने सभी नागरिकों के लिए समानता और अवसरों के सृजन की प्रतिबद्धता में दृढ़ रही है।
वर्ष 2001 में पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित होने के बाद और 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बनने के पश्चात नरेंद्र मोदी ने सुधारो और सुशासन में एक नए मापदंड स्थापित किया है जो न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के कई हिस्सों के लिए समावेशी विकास का एक मॉडल बन गया है। वैश्विक मंच पर भारत की दावेदारी में भी उल्लेखनीय बदलाव आया है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता निर्णय लेने में दृढ़ निश्चयी, तीव्र और संप्रभुता से भरे एक नए भारत को प्रदर्शित करती है।
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार हमेशा चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों को तय करने और निर्धारित समय सीमा से पहले उन्हें प्राप्त करने में विश्वास रखती है। इस दृढ़ संकल्प को, चाहे वह कोविद-19 के खिलाफ रिकॉर्ड समय में पूरी पात्र आबादी का टीकाकरण करना हो, देश के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक निर्यात दर्ज करना हो, पूरे भारत में हो रही डिजिटल क्रांति हो, ग्रामीण क्षेत्र के विद्युतीकरण में महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करना हो, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण का हो अथवा घरों में पेयजल की सुविधा प्रदान करना हो सभी क्षेत्रों में देखा जा सकता है। किसी देश को समृद्ध होने के लिए यह आवश्यक है कि इसके बुनियादी ढांचे में तेजी से वृद्धि हो और प्रधानमंत्री मोदी के गतिशील नेतृत्व में सरकार इस तथ्य को बेहतर रूप से समझती है। दशकों से विलंबित परियोजनाओं को पूरा करने के साथ ही नई परियोजनाओं का शुभारंभ इस सरकार के विकासात्मक दृष्टिकोण की आधारशिला रही है।
डीबीटी हो या बिजली, पानी, टॉयलेट जैसी सुविधाएं गरीब व्यक्ति तक पहुंचाने की योजना हो, इन सभी ने जमीनी स्तर पर एक क्रांति ला दी है। इन योजनाओं ने देश के गरीब से गरीब व्यक्ति को भी सम्मान और सुरक्षा के भाव से भर दिया है। सरकार की कल्याण संबंधी प्रावधान और गरीबी उन्मूलन के प्रयासों को वैश्विक संस्थानों से मान्यता मिली है। हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक पेपर में देश में अत्यधिक गरीबी को समाप्त करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को श्रेय दिया है।
मोदी सरकार ने पिछले 11 वर्षों में, प्रत्येक भारतीय को सशक्त बनाने के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं को लॉन्च और कार्यान्वित किया। सीमलेस और त्वरित सशक्तिकरण पटलों के प्रभाव मुद्रा योजना और स्टैंड अप इंडिया जैसे कार्यक्रमों में देखे जा सकते हैं जो हासिये के समूहों से युवा उद्यमियों का एक बड़ा पूल बना रहा है। मुद्रा योजना के तहत दिए गए 52 करोड़ ऋणों में से आधे से अधिक अनुसूचित जातियों /जनजातियों/ अन्य पिछड़ा वर्गों के उद्यमियों को दिए गए हैं। आंकड़े गवाह हैं कि सरकार गरीबों के लिए बड़ा सोचती है। बीते 11 वर्षों के दौरान करोड़ों परिवारों को पहली बार जरूरी बुनियादी सुविधाएं मिली है। 2014 से कल्याणकारी योजनाएं अंत्योदय के सिद्धांत से प्रेरित रही हैं।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय दिव्यांग जनों की मदद के लिए कैंप आयोजित कर उन्हें सहायक उपकरण वितरित करता है। 2014 के बाद करीब 18 हजार से अधिक कैंप का आयोजन हो चुका है, जिससे 31 लाख से अधिक दिव्यांग जनों का सशक्तिकरण हुआ है।
मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया, पीएम किसान सम्मन निधि, किसान क्रेडिट कार्ड से तत्काल ऋण की सुविधा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से सभी के लिए खाद्य सुरक्षा, पीएम आवास योजना से गरीबों के लिए पक्के मकान, पीएम उज्जवला योजना से धुआँ रहित रसोई, कृषि अवसंरचना कोष से कृषि बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण जैसी तमाम योजनाएं कामगारों की आय बढाने व सुविधाओं को संजोने में मील का पत्थर साबित हुई।
आज दुनिया भारत को निवेश के लिए एक बेहद आकर्षक स्थान के रूप में देख रही है और वैश्विक कंपनियां यहां अपना व्यवसाय स्थापित करना चाहती हैं। ODOP पहल भारत भर के 773 जिलों से 1240 अद्वितीय उत्पादों को उजागर करके संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देती है। भारतीय रेल ने भी पिछले 11 वर्षों के दौरान रेल लाइनों के दोहरीकरण और रेलवे पटरियों के विद्युतीकरण के जरिए बड़े पैमाने पर अपनी क्षमता का विस्तार किया है। हम भारत में आधुनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं , साथ ही यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि डिजिटल क्रांति का फायदा समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। देश में डिजिटल भुगतान को लोकप्रिय रूप से अपनाने में उल्लेखनीय सफलता की कहानी जग जाहिर है।
विशाल अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते कदमों ने दुनिया में विशेष छाप छोड़ी है। साथ ही वैज्ञानिक अन्वेषण तथा तकनीकी नवाचार के प्रति देश की प्रतिबद्धता भी मजबूती से प्रदर्शित हुई है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ने हमेशा समावेशी विकास को प्राथमिकता दी है और सरकार की उत्तर पूर्व नीति इस क्षेत्र को मुख्य धारा में लाने के लिए उनके प्रयासों को प्रतिबिंबित करती है। नरेंद्र मोदी ने भारत के समृद्ध सभ्यतागत इतिहास और संस्कृति को पहचान दिलाने पर जोर दिया है जिसके वे हकदार हैं। दशकों की उपेक्षा के बाद, उनके नेतृत्व में कई ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों को पुनर्स्थापित और पुनर्जीवित किया गया है। मोदी सरकार ने एक भारत श्रेष्ठ भारत के विचार का महोत्सव मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, इसका उद्देश्य देश की सांस्कृतिक विविधता का उत्सव मनाना है।
संकल्प से सिद्धि एक नारा नहीं है इस धरातल पर 11 वर्षों में सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास से सफलतापूर्वक पूर्ण करने का प्रयास रहा है।
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