नई दिल्ली। उदयपुर के टेलर कन्हैया लाल के मर्डर पर आधारित फिल्म उदयपुर फाइल्स-कन्हैया लाल टेलर मर्डर रिलीज होगी या फिर नहीं आज तय होने की उम्मीद है। गुरुवार को देश की सर्वाेच्च अदालत में इसको लेकर सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई को निर्देश दिया था कि फिल्म निर्माता केंद्र सरकार द्वारा गठित पैनल की सिफारिशों का इंतजार करें। केंद्र सरकार ने पैनल रिपोर्ट में छह कट लगाने की सिफारिश की है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि इन सिफारिशों के अलावा, अगर कोई और प्रतिबंध लगाया जाता है तो वह संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन होगा।
फिल्म के निर्माता गौरव भाटिया ने बताया कि केंद्र सरकार की सिफारिशों के अनुसार, छह कट पहले की कर दिए गए हैं। मामले में याचिका दायर करने वाले पक्ष की वकील मेनका गुरुस्वामी ने फिर से फिल्म पर रोक बरकरार रखने की मांग की है। उन्होंने तर्क दिया कि इस फिल्म से आरोपियों की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंच सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि अगर फिल्म के कारण आरोपियों को कोई भी क्षति पहुंचती है, तो उसकी भरपाई संभव ही नहीं है। लेकिन निर्माताओं को फिल्म रिलीज रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जा सकता है।
बता दें, सीबीएफसी से फिल्म को पहले ही प्रमाणपत्र मिल गया है। सीबीएफसी ने फिल्म में 55 कट सुझाए थे। सबकी नजरें अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी है कि उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर होगी या फिर नहीं।
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