गुरुपूर्णिमा का है "वर्मा" पावन पर्व महान।
गुरु ज्ञान का सागर होता, देता है सद्ज्ञान।
गुरु शिष्य की जड़ता का करता है अवसान।
गुरु से बढ़कर बोलो "वर्मा" जग में कौन महान।
अपने गुरु का "वर्मा" करता नमन आज शत वार।
वन्दनीय है गुरु, गुरू का करो सदा सत्कार।
मौसम आज खुशनुमा कैसा प्रकृति नटी हरसाई।
गुरुपूर्णिमा पर देता है "वर्मा" तुम्हें बधाई।
डा. वी. के. वर्मा
सामाजिक कार्यकर्ता / आयुष चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालय बस्ती
No comments:
Post a Comment