बस्ती। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर जिलाध्यक्ष बीरेन्द्र कुमार शुक्ल के संयोजन में जनपद के शिक्षा मित्रों ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित 6 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। मांग किया कि शिक्षा मित्रों की समस्याओं का प्रभावी समाधान कराकर शिक्षक के रूप में समायोजन सुनिश्चित कराया जाय।
ज्ञापन सौंपने के बाद संघ के मण्डल अध्यक्ष प्रवीन श्रीवास्तव, संरक्षक संजय यादव, जिलाध्यक्ष बीरेन्द्र कुमार शुक्ल ने कहा कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में विगत 24 वर्षों से शिक्षण कार्य कर रहे शिक्षामित्र जो स्नातक बीटीसी उत्तीर्ण हैं। मंहंगाई के इस दौर में शिक्षामित्र को मात्र 10 हजार रुपए और 11 माह का ही मानदेय मिल रहा है, जिससे शिक्षामित्रों के परिवार का पालन पोषण नहीं हो पा रहा है। इस कारण उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र आर्थिक एवं मानसिक सप से परेशान होकर आत्महत्या जैसे कदम उठा उठा रहे हैं। अच्छा हो कि सरकार शिक्षा मित्रों की समस्याओं का प्रभावी समाधान कराने की दिशा में प्रभावी पहल करे।
मुख्यमंत्री को भेजे 6 सूत्रीय ज्ञापन में नई शिक्षा नीति में शिक्षामित्रों को स्थाई करते हुए नियनित वेतनमान दिये जाने, वर्तमान में महगाई को देखते हुए नियमितीकरण होने तक अन्य राज्यों (राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, बिहार) की भांति शिक्षामित्रों को वेतन या मानदेय दिये जाने, मूल विद्यालय से वंचित शिक्षामित्रों को पुनः मूल विद्यालय उनकी ग्राम पंचायत के अन्य विद्यालय में समायोजित करने, महिला शिक्षामित्रों को विवाहोपरान्त उनकी ससुराल के जनपद में समायोजित किये जाने, शिक्षामित्रों का ई०पी०एफ० योजना में शामिल किये जाने, शिक्षामित्रों को आयुष्मान योजना में शामिल करते हुए मेडिकल सुविधा देने, मृतक शिक्षामित्रों के परिवार को आर्थिक सहायता देते हुए परिवार के एक सदस्य को उक्त पद पर समायोजित करने आदि की मांग शामिल है।
ज्ञापन देने से पूर्व शिक्षा मित्रों ने 25 जुलाई 2017 से 2025 के दौरान दिवंगत हुये शिक्षा मित्रों को समायोजन निरस्त होने के आठवी बरसी पर श्रद्धांजलि अर्पित किया। ज्ञापन देने के दौरान मुख्य रूप से संजय यादव, संदीप कुमार सिंह, बाबूलाल, अशद जमाल, राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, राणा प्रताप सिंह, राघवेन्द्र सिंह, अशोक सिंह, राम प्रकाश वर्मा, प्रदीप चौधरी, धनंजय सिंह, राधेश्याम, ऋषिकान्त तिवारी, सुनील शुक्ल, जय प्रकाश शुक्ल, इन्द्रजीत यादव के साथ ही अनेक शिक्षक, शिक्षा मित्र शामिल रहे।
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