नई दिल्ली। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार 6जी जैसी अगली पीढ़ी की संचार टेक्नोलॉजी को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही उन्होंने नई टेक्नोलॉजी के विकास के लिए एक रोडमैप की भी जरूरत बताई।
दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल के साथ भारत 6जी गठबंधन (बी6जीए) की प्रगति की समीक्षा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत 6जी गठबंधन को 6जी टेक्नोलॉजी में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रित, रणनीतिक और स्पष्ट रोडमैप तैयार करना चाहिए।
उन्होंने वैश्विक स्तर पर 6जी टेक्नोलॉजी में 10 प्रतिशत बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) प्राप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक कार्यसमूह स्तर पर प्रगति की नियमित समीक्षा पर जोर दिया।
उच्च-स्तरीय बातचीत के दौरान, गठबंधन ने वर्ष 2030 तक 6-जी में वैश्विक अग्रणी बनने की दिशा में भारत की प्रगति पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम में कार्य समूह के अध्यक्षों द्वारा व्यापक प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें कार्यान्वयन योग्य योजनाओं और प्रमुख तकनीकी प्रगति की रूपरेखा को दिखाया गया।
मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा, गठबंधन के कार्यकारी समूहों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और सदस्यों ने रणनीतिक अपडेट, पहलों और कार्य योजनाओं पर व्यापक जानकारी साझा की। प्रस्तुतियों में स्वदेशी आरएएन तकनीक, ग्रामीण संपर्क के लिए बुद्धिमान और समावेशी नेटवर्क, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, स्मार्ट और टिकाऊ परिनियोजन जैसे क्षेत्रों में अंतर-क्षेत्रीय 6-जी अनुप्रयोगों जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति पर चर्चा की गई।
भारत 6-जी गठबंधन ने केंद्रीय मंत्री को पिछली समीक्षा के बाद से सरकार और उद्योग द्वारा की गई प्रमुख कार्रवाइयों के बारे में भी बताया। गठबंधन अब 80 सदस्य संगठनों के एक मजबूत नेटवर्क तक विस्तारित हो गया है, जिसमें 30 से अधिक स्टार्टअप शामिल हैं, जो स्वदेशी 6-जी इनोवेशन के लिए बढ़ती राष्ट्रीय गति को दर्शाता है।
सरकार ने मार्च 2023 में भारत 6जी विजन डॉक्यूमेंट का अनावरण किया था, जिसने छठी पीढ़ी (6जी) वायरलेस सिस्टम में भारत के नेतृत्व के लिए रणनीतिक आधार तैयार किया है।
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