गोरखपुर। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर मंदिर में आयोजित आयोजीत कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. बलवान सिंह पूर्व सहयोगी प्रोफेसर - डिफेंस स्टडीज कॉलेज भटावली मार्केट (उनावाल) गोरखपुर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। पौराणिक कथाओं के अनुसार योग चित्त की वृत्तियों का निरोध है। अर्थात मनुष्य अपने जीवन में कर्म करते हुए विभिन्न प्रकार की अच्छी-बुरी वृत्तियों का चित्त में संग्रह करता है। मित्रता वृत्तियों के कारण उसे जीवन में सुख-दुःख की अनुभूति होती है। योग इन वृत्तियों से मुक्त होने की विद्या है, जिससे मनुष्य का चित्त निर्मल एवं शांत हो जाता है, तथा वह अनेक प्रकार की मानसिक एवं शारीरिक क्रियाओं से मुक्त हो जाता है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान जिन शास्त्र को ठीक करने में सक्षम है, वहां योग अत्यंत सिद्ध हुआ है। वर्तमान समय में अनेक प्रकार के तनाव, चिंता, रोग, चिंताएं, युद्ध की विभीषिका आदि विचारों के समाधान में योग की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।ग
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राम सिंह प्रदेश शिक्षक विद्यालय शिक्षा समिति ने योग को अपने जीवन में शामिल कर नियमित रूप से योग करने पर बल दिया। कार्यक्रम में डॉ. विनय जी प्राणाचार्य कामधेनु शक्ति पीठ ने कहा कि पंचगव्य से मन की वृत्तियों पर नियंत्रण होता है।
योग दिवस के इस पावन अवसर पर आचार्य दीपेंद्र सिंह, अरविंद भाई, निगम रवि के मार्गदर्शन में सभी ने योग किया। नवीनतम बल प्रमाणराम अग्रवाल ने। डीए0 राजेश सिंह ने स्कूल के फेयरवॉल का परिचय दिया। इस अवसर पर सैकडों की संख्या में छात्र-शिक्षकों सहित विद्यालय के समस्त आचार्य/आचार्य एवं कर्मचारी बन्धु उपस्थित रहे।
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