बस्ती। अनेक चुनौतियों के बावजूद विद्यालय का चतुर्दिक विकास करने को तत्पर रहना ही प्रधानाचार्य का लक्ष्य होना चाहिए। इसी क्षमता व योग्यता के संवर्धन के लिए सरकार प्रशिक्षण अभियान चला रही है। यह विचार डायट प्राचार्य संजय कुमार शुक्ल ने माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के पांच दिवसीय नेतृत्व संवर्धन प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में व्यक्त किया।कहा कि प्रधानाचार्यों का दायित्व है कि वे विद्यालय के सभी शिक्षकों व कर्मचारियों से समन्वय स्थापित कर उत्तम शैक्षिक वातावरण का सृजन करें। साथ ही विद्यार्थियों के चौमुखी विकास हेतु पाठ्य सहगामी गतिविधियों और खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन करते रहें।
उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के संरक्षक डा घनश्याम श्रीवास्तव,डा संजय सिंह,जिलाध्यक्ष योगेश शुक्ल व मंत्री डा हरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि प्रशिक्षक सत्येन्द्र पाण्डेय व सुरेश चन्द्र वर्मा ने जिस मनोयोग से नयी जानकारियां उपलब्ध कराईं उससे जनपद के सभी प्रधानाचार्यों को सुविधा होगी। परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आज्ञाराम चौधरी,डा सुरभि सिंह,उपाध्यक्ष डा कृष्णदेव द्विवेदी,डा मनोज सिंह,संजय द्विवेदी,धर्मेन्द्र कुमार,कोषाध्यक्ष विद्याधर वर्मा,संयुक्त मंत्री डा प्रमोद उपाध्याय,सर्वेन्द्रनाथ द्विवेदी,माया विजय, चन्द्रमा कौशिक पाण्डेय सतीश रंजन सिंह, विनोद राय ने कहा कि प्रशिक्षकों के सुझावों से विद्यालय की बेहतरी का हर सम्भव प्रयास किया जाएगा। प्रशिक्षक सत्येन्द्र पाण्डेय और सुरेश चन्द्र वर्मा ने कहा कि सरकार नयी शिक्षा नीति से लेकर अनेक नवाचारों को प्रोत्साहित करने में जुटी है।हम सबके समन्वित प्रयास से जल्द ही सुखद परिणाम दिखेंगे। इस अवसर पर प्रधानाचार्य परिषद के पदाधिकारियों ने डायट प्राचार्य,दोनों प्रशिक्षकों तथा डायट के प्रशिक्षण प्रभारी डा रविनाथ त्रिपाठी को उत्तरीय भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुस्लिमा खातून,देवेन्द्र नाथ मिश्र,दिनेश वर्मा, रामप्रीत यादव,कौशलेंद्र मिश्र, संदीप श्रीवास्तव,बीरेंद्र सिंह,सुधीर कुमार, संतोष पाण्डेय,राजित राम वर्मा,धनंजय वर्मा,इन्द्र कुमार, आलोक कुमार,राम बचन ,राम सहाय आदि उपस्थित रहे।
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