लखनऊ। यूपी पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने कहा कि जनता को विद्युत कनेक्शन आसानी से एक सप्ताह की निश्चित समय सीमा में मिले यह सुनिश्चित किया जाये। प्रदेश सरकार की मंशानुरूप हम सबको विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करायें। नये कनेक्शन के लिये अवर अभियन्ता या सहायक अभियन्ता को यदि कोई कमी लगती है तो अधिशाषी अभियन्ता को सूचित करें कि कनेक्शन क्यों नहीं दिया जा सकता। अधिशाषी अभियन्ता आगे की कार्यवाही सुनिश्चित करायगें। हमे सभी को कनेक्शन देना है इस उद्देश्य के साथ काम करना है।
उन्होनें कहा कि उपभोक्ता का हर स्तर पर सहयोग करिये उसको विद्युत सम्बन्धी कार्यों में परेशानी न हो। 40 मीटर के अन्दर और 50 किवा तक के कनेक्शन देनें में किसी तरह के इस्टीमेट का प्राविधान नहीं है इस नियम का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। शक्ति भवन में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि प्रदेश में उपभोक्ता फ्रेन्डली माहौल बनाना है। उपभोक्ता हमारे लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिये यह आवश्यक है कि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को विद्युत कनेक्शन दें और समय से उनको सही रीडिंग का बिल उपलब्ध करायें।
अध्यक्ष नें कहा कि हमारा लक्ष्य जितनी बिजली दें उतना राजस्व वसूलना होना चाहिए। हम यह निश्चित करें कि किसी को भी गलत बिल नहीं देंगे और यदि मीटर की खराबी के कारण गलत बिल आया है तो मीटर बदलकर सही बिल भिजवायें। कहा कि नये संयोजन में मीटर परिसर के बाहर स्थापित किया जाना सुनिश्चित किया जाय। नये संयोजन को आर्मड केबल के माध्यम से निर्गत किये जाने के निर्देश विद्युत कोड में है, इसको सुनिष्चित करते हुये उपभोक्ताओं को आर्मड केबल का प्रयोग अनिवार्य किया जाय। झटपट पोर्टल पर नये संयोजन के क्रम मे दो विकल्प दिये जाये उपभोक्ता से भुगतान प्राप्त करके विभाग द्वारा आर्मड केबल प्रदान करना उपभोक्ता द्वारा स्वयं क्रय किया जाना। संयोजन निर्गत करने वाले कार्मिक द्वारा एक माह में प्रथम सही बिल बनाकर उपभोक्ता को दिया जाना सुनिश्चित किया जाय। डिस्काम द्वारा चिन्हित क्षेत्र में मीटर की जॉंच वाह्य एजेन्सी के द्वारा की जाये।
सरकारी आवासों पर प्राथमिकता से प्री-पेड मीटर स्थापित किये जाये। सभी घरेलू उपभोक्ताओं का सप्लाई टाइप चेक किया जाना आवष्यक है। इससे त्रुटिपूर्ण सप्लाई टाइप (घरेलू के स्थान पर वाणिज्यिक अथवा औद्योगिक) को सही किया जा सकता है। प्रथम चरण में 10 किवा से ऊपर सभी उपभोक्ताओं का सप्लाई टाइप सीलिंग प्रमाण पत्र से मिलान करना चाहिए। 05 किवा व उससे अधिक के शेष उपभोक्ताओं का सप्लाई टाइप चेक किया जाय। हर माह के मास्टर डाटा के आने के तुरन्त बाद जीरो यूनिट के बिल, कम खपत वाले बिल, निगेटिव बिल और हाई वैल्यू बिल की सूची निकालकर कार्रवाई सम्पादित करायी जाये।
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