गोरखपुर। सेवारत रेल कर्मियों तथा सेवानिवृत्त रेल कर्मियों के लिये रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) की तकनीकी रेल विषयों पर हिंदी में मौलिक पुस्तकें लिखने के लिये 'लाल बहादुर शास्त्री तकनीकी मौलिक लेखन पुरस्कार योजना’ (आधार वर्ष-2024) अखिल भारतीय स्तर पर प्रचलित है, इस योजना में तकनीकी रेल विषयों पर हिन्दी में लिखी गई पुस्तकों, कृतियों के लिये विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाता है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले रेल कर्मी अपनी मौलिक लेखन 20 जून, 2025 तक राजभाषा अधिकारी-सह-वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी/मुख्यालय, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी कार्यालय, पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर को तथा सेवानिवृत्त रेलकर्मी अपनी प्रविष्टि दो मुद्रित अथवा दो टंकित प्रतियों के साथ 30 जून, 2025 तक निदेशक (राजभाषा), कमरा नं. 376 (जी), रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड), रेल भवन, नई दिल्ली-110001 को भेज सकते हैं। अन्तिम तिथि के बाद प्राप्त प्रविष्टियों पर मंत्रालय द्वारा विचार नहीं किया जायेगा। पुस्तक सामान्यतः 100 पृष्ठ से कम नहीं होनी चाहिये।
पुस्तक का विषय रेल संचालन या रेल प्रबन्धन से सम्बन्धित होना चाहिये। प्रतियोगी अपने मौलिक लेखन के साथ निर्धारित प्रोफार्मा पर टाइप किया हुआ अपना विवरण, जिसमें लेखक का नाम (द्विभाषी रूप में), पदनाम, कार्यालय का नाम व पता, पुस्तक का नाम, पुस्तक का विषय, प्रकाशक का नाम व पता (यदि कोई हो), पुस्तक लिखने का कार्य पूरा करने की तारीख (माह-वर्ष), फोन/मोबाइल नम्बर, ई-मेल तथा पृष्ठों की संख्या लिखकर इस घोषणा के साथ कि इस पुस्तक को कभी पुरस्कृत नहीं किया गया है एवं पिछले तीन वर्ष के दौरान 01 जनवरी 2022 से 31 दिसम्बर 2024 के बीच पहली बार लिखी गई है और इससे किसी दूसरे के कॉपीराइट अधिनियम का उल्लंघन नहीं होता है, के साथ भेज सकते हैं।
रेलवे बोर्ड द्वारा चयनित सर्वोत्तम पुस्तकों के लिये प्रथम पुरस्कार 20,000 (बीस हजार), द्वितीय पुरस्कार 10,000 (दस हजार) एवं तृतीय पुरस्कार 7,000 (सात हजार) तथा प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा।
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