बस्ती। आम की बागवानी को बढ़ावा देने के लिये सरकार निरंतर प्रयास कर रही है, आम की बागवानी को प्रोत्साहित करने के लिए उद्यान विभाग ने अपनी नर्सरियों को तैयार कर दिया है ताकि बरसात में बागवानी कर अधिक से अधिक किसान योजना का लाभ उठा कर आमदनी बढ़ा सकें।
आम की खेती के लिये अच्छी जल निकासी वाली दोमट भूमि उपयुक्त होती है। इसके लिये 23.8 से 26.6 डिग्री सेल्सियस तापमान और 500 से 600 मिमि वर्षा की आवश्यकता होती है। जबकि जिले की जलवायु और प्रकृति दोनों इसकी बागवानी के लिए अनुकूल है। आम के रोपण का सही समय वर्षा काल शुरू होने पर होता है, जैसे कि जुलाई-अगस्त माह में रोपण से पहले गड्ढों को तैयार करना होगा। जिसमें खाद व कीटनाशक मिलाया जाता है। वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक भानु प्रताप त्रिपाठी के अनुसार आम की कई उन्नत किस्मे उपलब्ध हैं। जैसे दशहरी, लंगड़ा, चौसा, अम्रपाली अलफांसो, गौरजीत व कपुरी आदि उन्नत किस्मों के पौधे राजकीय पौधशाला पैड़ा व मरवटिया में तैयार किए गए हैं। किसान वहां से प्राप्त कर रोपण कर सकते हैं। बताया कि आम की खेती में कीट और रोगों का नियत्रंण महत्वपूर्ण है, इसके लिये समय-समय पर कीटनाशकों और फफूंद नाशकों का छिड़काव करना आवश्यक होता है। आम के फलो की तुड़ाई उनके पकने पर किया जाना चाहिये, जिससे फलों की उच्च गुणवत्ता बनी रहे और बाजार में अच्छे भाव मिल सके।
जिला उद्यान अधिकारी अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि पोर्टल पर आम की बागवानी के लिए ऑनलाइन पंजीकरण dbt.uphorticulture पर जाकर किया जा सकता है, या किसी कार्य दिवस में कृषक आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भूमि अभिलेख, एक फोटो व मोबाइल नंबर कार्यालय में लाकर पंजीकरण करा सकते हैं।
No comments:
Post a Comment