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Thursday, May 15, 2025

खेती केवल परम्परा नही बल्कि विज्ञान तकनीक और बाजार से जुड़कर आगे बढने का माध्यम- इंद्र विक्रम सिंह


बस्ती। बस्ती एवं गोरखपुर मण्डल की मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी 2025 कार्यक्रम का आयोजन भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को खरीफ फसलों से बुआई से लेकर कटाई तक की आधुनिक वैज्ञानिक तकनीको, उन्नत बीजों, उर्वरक प्रबंधन, कीट नियंत्रण, सिंचाई व्यवस्थाओं, बाजार से जुड़ाव और सरकारी योजनाओं की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करना था। कार्यक्रम का शुभारम्भ संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया। सचिव कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात विभाग, उ0प्र0 शासन इन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि आज खेती केवल परम्परा नही बल्कि विज्ञान तकनीक और बाजार से जुड़कर आगे बढने का माध्यम बन चुकी है। सरकार का यह प्रयास है कि हर किसान तक लाभकारी योजनाए पहुॅचें और उन्हें हर स्तर पर आत्मनिर्भर बनाया जाय।

उन्होने कहा कि खरीफ मौसम किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, यदि वे वैज्ञानिक पद्यतियों को अपनाये तो ना केवल उत्पादन बढ सकता है बल्कि उनकी आमदनी भी दुगनी हो सकती है। उन्होने कहा कि फसल की प्रारम्भिक सुरक्षा के लिए बीज उपचार आवश्यक है। गोष्ठी में किसानों को भी बोलने का अवसर मिला। प्रगतिशील किसानों ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए समस्याओं से अवगत कराया। सचिव कृषि ने किसानों को आश्वस्त किया कि अपके समस्याओं का निराकरण किया जायेंगा। उन्होने यह भी कहा कि खाद, बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होने कहा कि महिलाओं की आय बढाने के लिए स्वयं सहायता समूह लखपति योजना संचालित है।
मण्डलायुक्त अखिलेश सिंह ने कहा कि सभी कृषकबन्धु वैज्ञानिक तरीके से खेती करें, सहफसली खेती करने के साथ-साथ समय से बीजों की बुआई करें, जिससे अधिक पैदावार मिल सकें। खेतो में गोबर की खाद का प्रयोग अवश्य करें। उन्होने यह भी कहा कि यहॉ पर उपस्थित समस्त सीडीओ द्वारा अपने जिलों में हो रहे अच्छे कार्याे/सफलता की कहानियों को साझा किया। मण्डलायुक्त ने कहा कि सभी अधिकारी फिल्ड में विजिट करे, जिससे हर किसान के समस्याओं का समाधान किया जा सकें। उन्होने कहा कि जनपद सिद्धार्थनगर में मत्स्य उत्पादन अच्छा है, वहॉ मण्डी परिषद द्वारा मत्स्य मण्डी स्थापित हो रहा है, जिसके लिए शासन से बजट भी स्वीकृत हो गया है। उन्होने कहा कि काला नमक कौन सी प्रजाति का उत्पादन करना चाहिए, पैकिंग कैसे की जाय। इस पर वि शेष ध्यान देना होगा, जिससे बाजार में अच्छे मूल्य मिल सकें। बंजरिया इण्डो इजराइल में आम, अमरूद की अच्छी प्रजातिया उपलब्ध है, जिसे कृषको को कम से कम मूल्य में वितरित किया जाता है।
निदेशक कृषि ने कहा कि प्रगतिशील कृषको की जो समस्याए है, उसे दूर किया जायेंगा। कृषकगण बीजो की बुआई समय से करें। उन्होने कहा कि जहॉ जैसी उपयोगिता हो, वहॉ वैसी खेती करें, जिससे किसानों की आमदनी बढें। बस्ती में 85 प्रतिशत बीजों की उपलब्धता कर ली गयी है। फर्टिलाइजर की कोई कमी नही है। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिया कि फसली ऋण शतप्रतिशत वितरित हो जाय। इस अवसर पर कृषि विभाग द्वारा परिसर में स्टाल भी लगाया गया था। कार्यक्रम के समापन अवसर पर जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने अधिकारियों व कृषकगण को धन्यवाद ज्ञापित किया।  
कार्यक्रम का संचालन भूमि संरक्षण अधिकारी डा. राजमंगल चौधरी ने किया। कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक कृषि अविनाश चन्द्र तिवारी, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज, देवरिया, बस्ती, सिद्धार्थनर, संतकबीर नगर के मुख्य विकास अधिकारी, उप निदेशक कृषि अशोक कुमार गौतम, उप जिलाधिकारी सदर शत्रुध्न पाठक, डा. आरसी चौधरी सहित संबंधित अधिकारीगण व कृषकगण उपस्थित रहें।

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