<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Monday, May 5, 2025

उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए रोजगार की बहार, योगी सरकार ने बनाई नई नीति


बस्ती। उत्तर प्रदेश में महिलाए न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही है, बल्कि प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान भी दे रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं को रोजगार देने के लिए सबसे बड़ी पहल की है। गांव-गांव तक बैंकिंग सेवाओं को पहुंचाने के लिये प्रदेश की 50192 बीसी सखी (बैंकिंग कॉरस्पीडेट) बनाने हेतु प्रमाणीकरण पूर्ण कर लिया गया है। सभी चयनित बीसी सखी का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है सरकार की इस नीति से बैंकिंग सेवाएं लोगों के घरों तक पहुंच रही है। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को अपने बैंक खातों से धनराशि निकालने और उसमें पैसा जमा करने में बड़ी आसानी हुई हैं उनका बैंक शाखाओं तक जाने का समय व खर्चा बच रहा है और घर के करीब ही बैंक के रूप में बीसी सखी मिल रही है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए मिशन रोजगार, मिशन शक्ति और मिशन कल्याण जैसी अनेक योजनाओं को शुरू किया है। इसके क्रियान्वयन हेतु तैयार किये गये कार्यक्रम के अनुसार सरकार के संबद्ध विभाग तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। इस क्रम में बैंक ऑफ बड़ौदा और यूको बैंक के सहयोग से यूपी इंडस्ट्रियल कंसलटेंट्स लि० (यूपीकॉन) ने 58,000 बीसी सखी (बैंकिंग कॅरिस्पोंडेंट) बना लिये हैं जो शेष बीसी सखी बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में लगे हैं। गांव से लेकर शहरों में बीसी सखी 24 घंटे बैंकिंग सेवाएं दे रही हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की सभी महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए बीसी सखी योजना की शुरूआत की है। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश राज्य की सभी महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिले हैं। उ०प्र० राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से प्रदेश में समूहों के माध्यम से सखी बनाने का कार्यक्रम बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ मिलकर किया जा रहा है। यूपी इंडस्ट्रियल कंसलटेंट्स लि० (यूपीकॉन) भी सहयोगी की भूमिका निभा रहा है। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति, वित्त एवं विकास निगम लि० के माध्यम से 500 अनुसूचित जाति के युवक युवतियों को रोजगार के अवसर देते हुए बीसी बनाए थे। बीसी सखी बनाने के लिए महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। बीसी सखी बनने के लिए योग्यता में कम से कम 10वीं कक्षा पास होना अनिवार्य किया गया है। अभ्यर्थी को कम्प्यूटर चलाना भी आना चाहिए, उस पर कोई वाद या पुलिस केस नहीं होना चाहिए। ऐसे अभ्यर्थी के चयन से पहले एक छोटी सी परीक्षा भी ली जाती है। इसमें उत्तीर्ण होने वाली अभ्यर्थी बीसी सखी बन सकती है।
बीसी सखी योजना से जुड़ने वाली महिलाओं को सम्मानजनक काम मिलने के साथ लोगों की सेवा करने का भी बड़ा अवसर मिल रहा है। लोगों को तत्काल बैंकिंग सेवा मिलने से उन्हें खुद को भी खुशी होती है। बीसी सखी बनने के बाद ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के भविष्य सुरक्षित करने के लिए प्रत्येक माह एक निश्चित आमदनी का माध्यम बना है। उन्हें एक स्थायी रोजगार मिला है। बीसी सखी योजना के तहत बैंकिंग सेवाओं को घर-घर देना रोजी-रोटी का एक बेहतर साधन बना है। इससे सबसे अधिक फायदा बैंक के ग्राहकों को हुआ है। उनको बैंक में लाइन लगाने और समय लगाना बंद हो गया है और बैंक तक जाने का समय किराया भी उनका बचा है। ग्रामीण स्तर पर बैंकिंग सेवाएं लोग बीसी सखी से ले रहे हैं।
प्रदेश सरकार की इस योजना का लाभ सबसे अधिक बैंक ग्राहकों को मिल रही है। सरकार की ओर से बैंकिंग सेवाओं को बड़ी सौगात खासकर गांव के लोगों को दी जा रही है। ग्रामीण पहले बैंक से पैसा निकालने और जमा करने में आने-जाने में जो खर्चा करते थे उसकी भी बचत हो रही है। प्रदेश की ग्राम पंचायतों में अभी तक 50192 बीसी सखी के आरएसईटीआई के माध्यम से आई0आई0बी0एफ0 द्वारा प्रमाणीकरण पूर्ण कर लिया गया है। जिसमें 39561 बीसी सखी ने कार्य करते हुए रू0 31626 करोड़ का लेनदेन किया है। इस लेन-देन से बीसी सखियों ने रू0 85.81 करोड़ का लाभांश प्राप्त किया है। प्रदेश सरकार की इस नीति से ग्रामीण स्तर पर महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages