नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के स्कूलों में मॉर्निंग असेंबली हमेशा से होती आई है। इस असेंबली के जरिए छात्रों को कई अच्छी, ज्ञानवर्धक बातें बताई और सिखाई जाती है। अब इस अलेंबली को लेकर सीबीएसई ने नए निर्देश जारी कर दिए है। सीबीएसई ने ये फैसला स्कूवी बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक भावनात्मक विकास के लिए लिया है। सीबीएसई का मानना है कि ऐसा करने से छात्रों का मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होगा।
सीबीएसई ने अपने संबंधित सभी स्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2025-26 से इस नियम को लागू करने के लिए कहा है। यानी अब सीबीएसई के स्कूलों में मॉर्निंग असेंबली के दौरान रोज पॉजिटिव और ज्ञानवर्धक बातें की जाएगी। सीबीएसई का मानना है कि इससे छात्रों को एकेडमिक तौर पर मजबूती मिलेगी इसके साथ ही वह इमोशनली और सोशली भी अधिक समझदार और मजबूत बन सकेंगे।
सीबीएसई की मानें तो सकारात्मक प्रतिज्ञान छात्रों को एक स्वस्थ आत्म छवि प्रदान करने में मदद करेगा। इसके साथ ही छात्रों में भावनात्मक शक्ति और विकास बढ़ेगा। यह छात्रों के मन को स्थिरता भी प्रदान करने में मदद कर सकता है। बोर्ड का कहना है कि स्कूलों को इसे रेगुलर प्रैक्टिस में लाना होगा। इसके साथ ही छात्रों को ध्यान लगवाना होगा, जिससे उनका आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सके। बोर्ड का कहना है कि हम चाहते हैं कि छात्र स्पष्टता और शांति के साथ अपना दिन शुरू करें। स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि रोज पॉजिटिव बातें की जाए जिससे छात्रा प्रोत्साहित हो। यह पॉजिटिव बातें ऐसी होनी चाहिए जिसमें सम्मान स्वास्थ्य और अपने नियम को दर्शाया गया हो। यह बाकी बेहद सरल होनी चाहिए। सीबीएसई ने इसके कुछ उदाहरण भी दिए हैं।
नीचे दिए गए हैं उदाहरण
- मैं हमेशा खुश रहता हूं/रहती हूं
- मैहर स्थिति में शांत और स्थिर रहता हूं/रहती हूं
- मैं स्वास्थ्यवर्धक भोजन ग्रहण करता हूं/करती हूं, मेरा शरीर निरोगी है
- मै हर स्थिति में शांत और स्थिर रहता हूं/रहती हूं
- मेरी एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़िया है
- मैं सभी का सम्मान करता हूं. मैं प्रकृति का सम्मान रहता हूं/रहती हूं
- मैं गैजेट का उपयोग सिर्फ पढ़ाई के लिए करता हूं/करती हूं
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