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Thursday, September 12, 2024

पांच करोड़ के डीटीआई को चार साल से सेंसर का इंतजार

- ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में 2020 से नहीं लग सका आटोमेटिक सेंसर

बस्ती। तकरीबन पांच करोड़ की लागत से तैयार मंडल में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीटयूट (डीटीआई) में चार साल बाद भी सेंसर नहीं लग सका है।लाइसेंस के लिए आवेदकों को मैनुअल परीक्षण कराना पड़ रहा है। हालांकि दो साल पहले दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने डीटीआई को जल्द संचालित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। बावजूद इसके अभी तक यह महज दिखावा साबित हो रहा है।


2017-18 के वित्तीय वर्ष में परिवहन विभाग ने प्रदेश के सभी 19 संभागीय मुख्यालयों पर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट स्थापित करने का फैसला किया था। जगह नहीं मिल पाने के कारण इंस्टीट्यूट का निर्माण नहीं हो पा रहा था। लगभग डेढ़ साल बाद तत्कालीन डीएम डॉ. राजशेखर ने 24 जून 2019 को आईटीआई परिसर में जमीन मुहैया कराई और इंस्टीट्यूट का शिलान्यास किया। इसके निर्माण की जिम्मेदारी उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड को सौंपी गई थी। 4 करोड़ 82 लाख 31 हजार रुपये खर्च कर इंस्टीट्यूट का निर्माण 2020 में ही पूरा हो चुका है। ट्रैक व परिसर को दुरुस्त किया जा चुका है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार टेंडर की प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी है। अब कार्यदायी कंपनी को आटोमेटिक सेंसर लगाना है और उसी के अनुसार डीएल जारी होने लगेंगे। 

- इस तरह सेंसर से होगा परीक्षण

संभागीय परिवहन निरीक्षक (आरआई) संजय कुमार दास के अनुसार सेंसर से ट्रैक पर टेस्ट के दौरान वाहन चलाने वालों की हर गतिविधि की जांच होगी। सेंसर कंट्रोल रूम से जुड़ेंगे। ट्रैक गणित के अंक आठ (8) के आकार का बना है। वाहन के ट्रैक पर आने के बाद स्पीड, दाएं या बाएं वाहन को मोड़ने पर इंडीकेटर, चढ़ाई और ढलान पर वाहन चलाने आदि पर अंक मिलेंगे। आरआई ने बताया कि सेंसर यह भी नजर रखेगा कि ट्रैफिक सिग्नल का पालन किया गया कि नहीं। वाहन चलाते वक्त कितनी बार नियमों का उल्लंघन किया गया। इन सभी गतिविधियों की जांच सेंसर करेगा। इसके बाद कंप्यूटर से रिजल्ट मिलेगा। इसी के आधार पर स्थायी डीएल जारी किया जाएगा। ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर छोटी कार से ही टेस्ट दिया जा सकेगा।

- जल्द ही कंपनी लगाएगी सेंसर

आरटीओ प्रशासन फरीदुद्दीन ने बताया कि ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट में ऑटोमेटिक सेंसर के लिए परिवहन मुख्यालय से टैंडर की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। सेंसर लगते ही डीएल का ऑनलाइन परीक्षण शुरू कर दिया जाएगा।

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