- कुदरहा ब्लॉक के भक्तूपुर ग्राम पंचायत का मामला
- जांच टीम ने बिंदुवार किया शिकायत का परीक्षण
- शिकायतकर्ता प्रेमचन्द्र चौघरी की शिकायत पर हुई भ्रष्टाचार की जाँच
बस्ती। विकासखंड कुदरहा के ग्राम पंचायत भक्तूपुर में मनरेगा योजना के अंतर्गत हुए भ्रष्टाचार और गुणवत्ताहीन निर्माण की शिकायतों को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है। इसी क्रम में मंगलवार को जिलाधिकारी द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच टीम ने संबंधित गांवों में पहुंचकर कार्यों की बिंदुवार जांच की। जांच टीम में लेखा परीक्षा अधिकारी अनिल कुमार सिंह और जेई अजय यादव शामिल थे। जाँच टीम भ्रष्टाचार की जाँच हेतु भक्तूपुर पहुंची, जहां स्थानीय शिकायतकर्ता प्रेमचंद चौधरी द्वारा की गई शिकायत की पड़ताल की गई। प्रेमचंद चौधरी ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था कि ग्राम पंचायत भक्तूपुर में मनरेगा के तहत कराए जा रहे नाली निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी की गई है। शिकायत में कहा गया है कि ग्राम प्रधान चन्द्रकला (पत्नी सतिराम उर्फ भुक्कू) द्वारा राम सृज के घर से दल्लू के घर तक बनाई गई नाली की खुदाई जेसीबी मशीन से करवाई गई, जबकि शासनादेश के अनुसार यह कार्य मनरेगा मजदूरों से कराया जाना चाहिए था। शिकायतकर्ता के पास इस कार्य से संबंधित फोटो और वीडियो साक्ष्य मौजूद हैं। इसके अलावा लालगंज मार्ग से श्यामलाल के खेत तक सड़क के दोनों किनारों पर मिट्टी सफाई एवं भराई का कार्य भी ठेके पर कराया गया, जबकि कागजों में इसे मनरेगा मजदूरों से कराया गया दिखाया गया है। आरोप है कि दिनांक 4 मार्च 2025 को मस्टररोल संख्या 16586 से 16595 के माध्यम से 97 मजदूरों की फर्जी उपस्थिति दर्ज कर फर्जी भुगतान किया गया। शिकायत में हथियाँव खुर्द गांव में अन्य निर्माण कार्यों की स्थिति पर भी सवाल उठाए गए हैं। वहां 25 सितंबर 2023 को बनी नाली मात्र तीन महीनों में क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे गंदगी और कीड़ों का प्रकोप बढ़ गया है। वहीं, 19 जुलाई 2023 को बनी सीसी रोड (आईडी संख्या 3153013019/आरसी/9584862558232) भी चार महीनों में ही टूटकर चलने लायक नहीं बची है। शिकायतकर्ता ने मांग की थी कि मनरेगा योजना के तहत कराए गए इन कार्यों की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए, फर्जी भुगतान की रिकवरी की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। जांच टीम ने भक्तूपुर में प्रारंभिक जांच कर ली है और बताया कि रिपोर्ट जल्द ही जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फ़िलहाल केवल यह देखना मात्र बाक़ी रह गया है कि जांच टीम द्वारा आख्या रिपोर्ट कब तक सौंपा जाएगा और जिलाधिकारी बस्ती उस रिपोर्ट पर क्या निर्णय लेंगे। यद्यपि जाँच टीम द्वारा शिकायतकर्ता को जाँच तिथि की कोई लिखित सूचना पूर्व से नहीं दी गयी थी एक दिन पूर्व रात में फोन के माध्यम से शिकायत कर्ता को सूचित कर जाँच टीम जाँच हेतु गांव में आ धमकी जिसके कारण उसे अपने गवाही - सफाई हेतु पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाया।
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