बस्ती। सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसियेशन की जनपद बस्ती शाखा की बैठक कलेक्ट्रेट स्थित पेंशनर्स कक्ष मे हुई। बैठक का संचालन जिला मंत्री उदय प्रताप पाल ने किया। अध्यक्षता करते हुये एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष नरेन्द्र बहादुर उपाध्याय ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पेंशनरी रूल में किया गया बदलाव किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नही है।
इसके विरोध में देशभर में जिलाधिकारी कार्यालयों पर प्रदर्शन किया जायेगा। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के इस विरोध को कई संगठनों ने समर्थन देते हुये निर्णायक संघर्ष की चेतावनी दी है। बैठक में धरना प्रदर्शन कार्यक्रम को सफंल बनाने के लिये नरेन्द्र बहादुर उपाध्याय ने कहा कि इसमे हर पेंशनर एवं कार्यरत कर्मचारियों का योगदान महत्वपूर्ण है। जिस जंग की शुरूआत हुई है उसका परिणाम हमारे पक्ष में होगा। उन्होने कहा 15 जुलाई को प्रदर्शन के उपरान्त मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपे जायेंगे।
एसोसियेशन की प्रस्तावित मांगों में प्रमुख रूप से फाइनेंसियल बिल 2025 के माध्यम से पेंशनरी रूल में किये गये बदलावों को निरस्त कर पेंशनरों को फाइनेंसियल एक्ट 2025 के वैलीडेशन क्लाज के अनुसार संरक्षण दिये जाने, वेतन आयोग के गठन की कार्यवाही पूर्ण कर नियम एवं शर्तो में पेंशन के पुनरीक्षण का विषय भी संदर्भित किये जाने, कर्मचारियों, शिक्षकों एवं पेंशनरों के महंगाई भत्ते का शासनादेश की तिथि को ही जारी किये जाने, देश में एनपीस, यूपीएस के स्थान पर कर्मचारियों एवं शिक्षकों को परिभाषित लाभ पेंशन योजना ओपीएस ही प्रदान किये जाने, पेंशन के राशिकरण की हो रही कटौती 15 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष किये जाने, कोरोना काल का कर्मचारियों, शिक्षकों एवं पेंशनर्स के रोके गये 18 माह के डीए के एरियर का भुगतान तत्काल कराये जाने तथा विद्यालयों को मर्ज करने से रोके जाने की मागें शामिल हैं।
बैठक में मौजूद प्रा.शि.सं. के जिलाध्यक्ष उदशंकर शुक्ल ने 15 जुलाई को प्रस्तावित धरना प्रदर्शन का समर्थन किया। जिला मंत्री उदयप्रताप पाल ने सभी कर्मचारियों, शिक्षकों व पेंशनरों, से अनिवार्य रूप से विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने की अपील किया। बैठक में राघवेन्द्र प्रताप सिंह, अभिषेक उपाध्याय, विनोद कुमार, वरि. उपाध्यक्ष सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव, दिनेश चन्द्र श्रीवास्तव, रामकुमार लाल, छोटेलाल यादव, प्रेमशंकर लाल श्रीवास्तव, सह मीडिया प्रभारी सुरेन्द्रनाथ उपाध्याय, सुरेशधर दूबे, रामकुमार लाल, अंगीरा प्रसाद, रामचन्द्र शुक्ल, ओमप्रकाश मिश्र, रामदुलारे, जंगबहादुर आदि का योगदान रहा।
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