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Wednesday, November 29, 2023

जो सद्गुणों से सम्पन्न, वही ईश्वर - शास्त्री


बस्ती। सुख-दुख तो मन की कल्पना है, जो सद्गुणों से संपन्न है वही ईश्वर है। मनुष्य का शरीर ही वह कुरुक्षेत्र है जहां निवृत्ति और प्रवृति का युद्ध होता रहता है इस शरीर रथ को जो कृष्ण के हाथों में सौंप देता है उसे विजय श्री ही मिलती है। जीव जब ईश्वर से प्रेम करता है तो ईश्वर जीव को भी ईश्वर बना देते हैं। यह सद्विचार डॉ राम सजीवन शास्त्री नें हर्रैया के समौड़ी गाँव में श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन व्यक्त किया। कथा को आगे बढ़ाते हुए शास्त्री जी ने बताया कि कंस को यह पता था कि उसका वध श्री कृष्ण के हाथों ही होना है इसलिए उसने बाल्यावस्था में ही श्रीकृष्ण को अनेक बार मरवाने का प्रयास किया लेकिन हर प्रयास भगवान के सामने असफल साबित रहा और अंत में श्री कृष्ण अपने मामा कंस का वध कर मथुरा नगरी को कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलायी। कंस वध के बाद श्री कृष्ण ने अपने माता-पिता को कारागार से मुक्त कराया।
श्री कृष्ण और रुक्मणी के विवाह की कथा को सुनाते हुए शास्त्री जी ने बताया कि रुक्मणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थीं। राजा भीष्म ने लक्ष्मी को पुत्री के रूप में प्राप्त किया, लक्ष्मी तो सभी को किसी न किसी रूप में प्राप्त हैं जैसे धन,पद, प्रतिष्ठा आदि। लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि अपनी लक्ष्मी को राजा भीष्म की तरह नारायण से जोड़ता कौन है। रावण, कंस, दुर्योधन जैसे लोगों ने अपनी लक्ष्मी को मांस, मदिरा, जुआ, दुराचार जैसे कुकर्मों से जोड़ा जिसके कारण उनका समूल नाश हो गया। श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह के रोचक प्रसंग सुनकर सभी दर्शक भाव विभोर हो गए।
 इस दौरान राजमणि पाण्डेय, राकेश तिवारी, प्रमोद सिंह, देवेंद्र नाथ मिश्र बाबू जी, धीरेन्द्र नाथ मिश्र, श्रीनाथ मिश्र, सुरेंद्र नाथ मिश्र, राम सुमति मिश्र, नन्द कुमार मिश्र, धरणीधर मिश्र, रामफूल मिश्र, विजय नारायण मिश्र, ओम नारायन मिश्र, ओम प्रकाश मिश्र, उमाकान्त तिवारी, अनिल मिश्र, सुनील मिश्र, दुर्गा प्रसाद मिश्र, महेंद्र मिश्र, जगदंबा ओझा, प्रेम शंकर ओझा, पवन शुक्ल, विजय मिश्र, काशी प्रसाद पाण्डेय, जय प्रकाश पाण्डेय, भाल चंद्र शुक्ल, पशुपति नाथ शुक्ल, गणेश शुक्ल, मनमोहन, भवानी सेठ, गंगोत्री प्रसाद शुक्ल, रमेश चन्द्र शुक्ल, आनन्द पाण्डेय, चन्द्र प्रकाश मिश्र, बब्बू, रवीश, वेद उत्तम, बजरंगी, गोपाल, हर्ष, प्रशान्त, छोटू सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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