- दुनिया की वास्तविकता बताने वाली रिपोर्ट है ग्लोबल माइनॉरिटी रिपोर्ट : वेंकैया नायडू
नई दिल्ली। पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि ग्लोबल माइनॉरिटी रिपोर्ट दुनिया की वास्तविकता बताने वाली रिपोर्ट है। नायडू ने मंगलवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) में सेंटर फॉर पॉलिसी एनालिसिस की ओर से तैयार की गई ’’ग्लोबल माइनॉरिटी रिपोर्ट’’ को रिलीज करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट दुनिया में माइनॉरिटी के हालात को समझने में सहायक है। अब तक ऐसी रिपोर्ट सिर्फ विकसित देश ही जारी किया करते थे और अन्य देशों पर कीचड़ उछालने का काम करते थे लेकिन यह रिपोर्ट तर्क और तथ्य के आधार पर दुनिया के हालात को बयां करती है। उन्होंने कहा कि अब भारत सहित दुनिया में इस रिपोर्ट पर चर्चा होगी।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि ग्लोबल माइनॉरिटी रिपोर्ट एक नए विमर्श को जन्म देगी। यह रिपोर्ट दुनिया को नए ढंग से समझने का जरिया है। चिदानन्द ने कहा कि सत्य कभी बदल नहीं सकता है। यह रिपोर्ट दुनिया के सत्य को उजागर करती है। वरिष्ठ पत्रकार और आईजीएनसीए के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने कहा कि ग्लोबल माइनॉरिटी रिपोर्ट की चर्चा अब संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से लेकर देश के शिक्षण संस्थानों में होगी।
केंद्रीय सूचना आयुक्त (सीआईसी) उदय माहुरकर ने कहा कि यह फेज आजादी के पुनर्जागरण का दौर है। हालांकि पुनर्जागरण का दौर आजादी के बाद ही शुरु हो जाना था। उसी दौरान धारा 370 को हटाने सहित, राम मंदिर निर्माण का कार्य किया जाना था। लेकिन पुनर्जागरण का दौर वर्ष 2014 के बाद शुरु हुआ है। माहुरकर ने कहा कि दुनिया के बहुत से देश ऐसे हैं जो अपने यहां माइनॉरिटी पर अन्याय करते हैं और भारत को पाठ पढ़ाते हैं। ऐसे में यह रिपोर्ट उन तमाम देशों की पोल खोलती है जो सिर्फ दूसरों पर निशाना साधते हैं। सेंटर फॉर पॉलिसी एनालिसिस के अध्यक्ष दुर्गानंद झा ने कहा कि वर्ष 2015 से वर्ष 2022 के बीच यह रिपोर्ट तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मानवता के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
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