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Wednesday, October 6, 2021

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समेकित बाल संरक्षण योजना की बैठक हुई आयोजित

संत कबीर नगर । जिलाधिकारी दिव्या मित्तल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष, समेकित बाल संरक्षण समिति एवं उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की बैठक संपन्न हुई । बैठक में रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष में 36 मामलों पर विचार विमर्श किया गया जिसमें कमेटी द्वारा 26 मामले पास्को एक्ट में पीड़िता को, दो मामले 304बी के मृतक मां के बच्चों को क्षतिपूर्ति देने का निर्णय लिया गया । शेष 8 मामलों में दो पास्को एक्ट के एक प्रकरण एससी एसटी एक्ट होने के कारण समाज कल्याण विभाग द्वारा पीड़िता को क्षतिपूर्ति धनराशि दी गई है, दूसरे में घटना असत्य पाए जाने के कारण दोनों मामलों में उक्त योजना से लाभान्वित ना करने का निर्णय लिया गया है। शेष 6 प्रकरण 304 बी के जिसमें घटना असत्य व संतान न होने के कारण उपरोक्त 8 प्रकरणों को धनराशि ना देने का निर्णय लिया गया है।

समेकित बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत पुलिस अधीक्षक डॉ0 कौस्तुभ द्वारा चलाए गए अभियान के अंतर्गत रेस्क्यू किए गए बालकों को नियमानुसार कार्यवाही करते हुए बाल कल्याण समिति के साथ प्रस्तुत किया जाने हेतु निर्देशित किया गया। स्पॉन्सरशिप योजना के अंतर्गत 5 बच्चों को चिन्हित कर दो हजार रुपए प्रतिमाह देने का निर्देश दिया गया। एकीकृत बाल संरक्षण योजना में कुल 9 ब्लाकों में ब्लॉक संरक्षण समिति का गठन, शासनादेश के अनुसार ब्लॉक संरक्षण समिति की बैठक प्रत्येक त्रैमासिक अवधि पर आयोजन किए जाने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया । एकीकृत बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत जनपद में कुल 794 ग्राम पंचायत हैं जिनमें 792 ग्राम पंचायतों में ग्राम बाल संरक्षण समिति का गठन हो गया है परंतु जरूरतमंद और देखरेख की आवश्यकता वाले बालकों के चिन्हांकन हेतु प्रत्येक त्रैमासिक अवधि पर ग्राम बाल संरक्षण समिति की बैठक किए जाने का निर्देश दिया गया जिसके क्रम में समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारियों को अपने स्तर से आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने का निर्देश भी दिया गया है।
जनपद में संस्थागत देखरेख हेतु गैर सरकारी संगठन संत कबीर नगर आश्रम द्वारा संचालित शिशु बाल गृह एवं बालक बाल गृह द्वारा जरूरतमंद एवं देखरेख की आवश्यकता वाले बालकों को आश्रय प्रदान किया जाता है। बाल श्रम उन्मूलन कार्यक्रम द्वारा प्राप्त बच्चों एवं जरूरतमंद और देखरेख की आवश्यकता वाले बालकों को शिक्षा से जोड़ने हेतु श्रेणी वार सीडब्ल्यूसी में प्रस्तुत बालकों को नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित विभाग से समन्वय स्थापित कर पूर्वासित किए जाने हेतु बैठक में निर्देशित किया गया । बाल कल्याण समिति में जनवरी 2021 से सितंबर 2021 तक कुल प्रस्तुत हुए बालकों की संख्या 107 तथा संस्था का देखरेख में आश्रय प्रदान किए गए बालकों की संख्या 4 है । राजकीय संप्रेक्षण गृह में वर्तमान में जनपद के कुल 27 किशोर अपचारी निरुद्ध हैं जिनका जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है । संप्रेक्षण गृह में 3 बच्चे गंभीर रोग से ग्रस्त हैं जिनके समुचित देखभाल एवं उपचार का आदेश जिलाधिकारी दिव्या मित्तल द्वारा दिया गया।
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत 55 बच्चों को पूर्व में चिन्हित कर प्रतिमाह ₹4000 की दर से भुगतान किया जा रहा है। बैठक में कुल नए 162 आवेदन पत्रों पर विचार विमर्श किया गया जिसमें 100 आवेदन जिसमें अभिभावक की मृत्यु कोविड-19 तथा 62 आवेदन पत्र जिसमें अभिभावक की मृत्यु सामान्य हुई है पर भी विचार विमर्श किया गया।
उक्त बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव हरकेश कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी डॉ श्वेता त्रिपाठी, समाज कल्याण अधिकारी महेंद्र कुमार, अध्यक्ष बाल संरक्षण समिति, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी विजय श्री, अपर जिला सूचना अधिकारी सुरेश कुमार सरोज सहित संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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